वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भारत के बढ़ते कोविड संकट पर चिंता जताई है. WHO ने कहा है कि वो संकट से निपटने के लिए मदद कर रहा है. संगठन के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस ने कहा, "भारत में स्थिति हृदय विदारक से ज्यादा खराब है."
भारत में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है. अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं और मेडिकल ऑक्सीजन की कमी संकट में बदल गई है
घेब्रेयेसस ने कहा, "WHO वो सब कर रहा है, जो कर सकता है. जरूरी उपकरण से लेकर सप्लाई मुहैया कराई जा रही है."
WHO प्रमुख ने कहा कि यूएन की स्वास्थ्य संस्था भारत में ‘हजारों ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, प्रीफैब्रिकेटेड मोबाइल फील्ड हॉस्पिटल्स और लैब सप्लाई’ भेज रही है.
WHO ने कहा कि उसने पोलियो और टीबी समेत अपने अलग-अलग प्रोग्राम से 2600 से ज्यादा एक्सपर्ट को भारतीय स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ काम करने के लिए ट्रांसफर किया है.
भारत में जारी कोविड संकट में मदद के लिए कई देश आगे आए हैं. जर्मनी, फ्रांस से लेकर रूस और अमेरिका भारत की मदद कर रहे हैं. ब्रिटेन से वेंटीलेटर भेजे जा रहे हैं.
26 अप्रैल को पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच बातचीत हुई थी. पीएम मोदी ने बताया कि उनके और बाइडेन के बीच दोनों देशो में COVID-19 के हालात पर विस्तार से बातचीत हुई.
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ''अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ मेरी चर्चा में वैक्सीन के कच्चे माल और दवाओं की सुगम सप्लाई चेन के महत्व को रेखांकित किया. भारत-अमेरिका हेल्थ पार्टनरशिप COVID-19 की वैश्विक चुनौती का समाधान कर सकती है."
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