अमेरिका में 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोबारा उम्मीदवार हैं. वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी से पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन चुनाव मैदान में हैं. अमेरिका में बसे भारतीय लोगों की तादाद अच्छी-खासी है और दोनों पार्टियां इस छोटे लेकिन प्रभावी ग्रुप को टार्गेट करना चाहती हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी के चेयरपर्सन थॉमस पेरेज ने कहा है कि भारतीय-अमेरिकी चुनाव का नतीजा तय करने में अहम साबित हो सकते हैं.
जो बाइडेन के कैंपेन कार्यक्रम 'An Electorate Coming of Age: Indian Americans for Biden' में पेरेज ने कहा कि बैटलग्राउंड राज्यों के नतीजे तय करने में भारतीय-अमेरिकी असरदार हो सकते हैं. बैटलग्राउंड राज्य या स्विंग स्टेट उन राज्यों का कहा जाता है, जिन्हें रिपब्लिकन या डेमोक्रेटिक में से कोई भी जीत सकता है. ये ऐसे राज्यों की तुलना में देखे जाते हैं, जिनमें किसी एक पार्टी का सपोर्ट बेस होता है और उसे उसी पार्टी के खाते में माना जाता है.
एरिजोना, फ्लोरिडा, जॉर्जिया, मिशिगन, नॉर्थ कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया, टेक्सास और विस्कॉन्सिन जैसे आठ बैटलग्राउंड राज्यों में 13 लाख भारतीय-अमेरिकी वोटर हैं.
मिशिगन में 125,000 भारतीय-अमेरिकी वोटर हैं और हम 2016 में मिशिगन 10,700 वोट से हार गए थे. पेंसिल्वेनिया में 156,000 भारतीय-अमेरिकी वोटर हैं और हम ये राज्य 42,000 वोटों से हारे थे. विस्कॉन्सिन में करीब 37,000 भारतीय-अमेरिकी वोटर हैं और 2016 में हमने इसे 21,000 वोट से खो दिया था.थॉमस पेरेज, डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के चेयरपर्सन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के चेयरपर्सन थॉमस पेरेज ने कहा कि भारतीय-अमेरिकी और AAPI (एशियाई-अमेरिकी और पैसिफिक आइलैंडर्स) बहुत बंट के वोट करते हैं और ये इस चुनाव में प्रभावी साबित हो सकते हैं. पेरेज ने कहा कि चुनाव में 108 दिन बचे हैं और इन तीन राज्यों के बारे में हो सोचकर देखिए कि भारतीय-अमेरिकी वोटर नतीजा तय करने में कितने अहम हो सकते हैं.
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