अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के बीच पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को गुरुवार (30 मई) को बड़ा झटका लगा. न्यूयॉर्क की मैनहट्टन कोर्ट ने हश मनी केस में ट्रंप को दोषी ठहराया है. दो दिन की सुनवाई के बाद 12 सदस्यों की ज्यूरी ने अपना फैसला सुनाते हुए ट्रंप को दोषी माना और अब 11 जुलाई को मामले में सजा का ऐलान होगा.
डोनाल्ड ट्रंप हश मनी केस में दोषी करार, क्या अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति लड़ पाएंगे चुनाव?
1. क्या है पूरा मामला?
इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई पूर्व या मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति किसी अपराध में दोषी करार दिया गया है.
ऐसे में ये जानना जरूरी है कि ट्रंप के पास क्या विकल्प होगा? और क्या वो चुनाव लड़ पाएंगे? लेकिन उससे पहले जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ लंबित चार आपराधिक मामलों में से यह पहला मामला है, जिसका फैसला आया है.
ट्रंप पर आरोप था कि उन्होंने पॉर्न स्टार को चुप रहने के लिए पैसे दिए और इसके लिए अपने व्यापारिक रिकॉर्ड में हेराफेरी की. उन्होंने वकील माइकल कोहेन को दिए गए कानूनी खर्च के रूप में इस पैसे को दिखाया, जो न्यूयॉर्क राज्य के कानून के तहत एक अपराध है.
पॉर्न स्टार ने ये भी आरोप लगाया था कि उनके बीच यौन संबंध थे.
अदालत से बाहर निकलते हुए ट्रंप ने कहा, "यह धांधली वाला मुकदमा है. यह अभी खत्म नहीं हुआ है."
ट्रंप को 11 जुलाई को सजा सुनाई जाएगी, जो रिपब्लिकन पार्टी कन्वेंशन से ठीक चार दिन पहले है. इसमें उन्हें औपचारिक रूप से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया जाएगा.
ट्रंप ने कहा कि असली फैसला नवंबर में होगा, जब राष्ट्रपति चुनाव होंगे.
अमेरिकी पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग सर्विस द्वारा प्रायोजित एक सर्वे से पता चला कि 67 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि उनकी सजा उनके वोट को प्रभावित नहीं करेगी. ट्रंप और बाइडेन सर्वे में बराबर पर चल रहे हैं.
Expand2. सुनवाई के दौरान क्या हुआ?
मुकदमे के दौरान कोर्ट में काफी ड्रामा हुआ जिसमें सेक्स से सम्बंधित बातें भी शामिल थीं कि पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स ने गवाह के तौर पर सब के सामने कैसे सब कुछ बताया.
ट्रंप के पूर्व वकील और फिक्सर कोहेन ट्रंप से अलग होने के बाद अभियोजन पक्ष के मुख्य गवाह बन गए. उन्होंने अदालत में कहा कि उन्होंने ट्रंप से 30,000 डॉलर चुराए थे और शपथ/ प्लेज लेकर भी झूठ बोलने की बात स्वीकार की थी.
ट्रंप के वकीलों ने उनकी विश्वसनीयता को कम करने के लिए जूरी के सामने इस बात को जोर-शोर से पेश किया लेकिन इसका कुछ खास असर नहीं हुआ.
Expand3. ट्रंप के पास क्या विकल्प होगा?
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, दोषी करार दिए जाने के बाद अब ट्रंप को मतदान में कठिनाई हो सकती है. ट्रम्प फ्लोरिडा में रजिस्टर्ड हैं, जहां मतदान के लिए पहले अपराधियों को पैरोल या प्रोबेशन सहित अपनी पूरी सजा पूरी करनी होती है. अब जब मतदान में कुछ ही महीने बचे हैं, ऐसे में लगता नहीं है कि वह उससे पहले अपनी सजा पूरी कर पाएंगे, चाहे वह कुछ भी हो.
लेकिन अगर चुनाव के दिन वह पैरोल पर हैं, तो फ्लोरिडा के कानून का एक प्रावधान उन्हें न्यूयॉर्क की अपेक्षा राहत दे सकता है- जो अपराधियों को पैरोल पर वोट देने की अनुमति देता है, जब तक कि वे जेल में न हों. क्योंकि न्यूयॉर्क ही वह जगह है जहां वो दोषी साबित हुए हैं.
फ्लोरिडा के राज्य सचिव के कार्यालय ने गुरुवार (30 मई) को ट्रम्प की पात्रता स्थिति की पुष्टि करने के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया. हालांकि, अगर वह जेल में हैं, तो वह किसी भी राज्य में मतदान नहीं कर पाएंगे.
ऐसे में ट्रंप लगभग निश्चित रूप से अपील करेंगे. हालांकि, उस अपील पर सुनवाई होने से पहले ही ट्रंप के सामने कई कानूनी अड़चने हैं. जैसे-
एक प्री-सेन्टेंस रिपोर्ट प्रतिवादी के आपराधिक रिकॉर्ड के साथ-साथ उसके व्यक्तिगत इतिहास और अपराध के आधार पर सिफारिशें करती है. इस मामले से पहले ट्रम्प का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था.
(प्री-सेंटेंस रिपोर्ट एक रिपोर्ट होती है जिसे प्रोबेशन अधिकारी द्वारा आपके किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद तैयार किया जाता है. इस रिपोर्ट में आपके बारे में प्रासंगिक, ऐतिहासिक और व्यक्तिगत जानकारी होती है जो न्यायाधीश को उचित सजा निर्धारित करने में सहायता करती है.)
न्यूयॉर्क की न्यायपालिका के अनुसार, सजा से पहले, प्रोबेशन विभाग में कार्यरत एक मनोवैज्ञानिक या सामाजिक कार्यकर्ता भी ट्रम्प से बात कर सकता है, जिसके दौरान प्रतिवादी "एक अच्छा प्रभाव बनाने की कोशिश कर सकता है और यह बता सकता है कि वह हल्की सजा का हकदार क्यों है."
प्री-सेंटेंस रिपोर्ट में बचाव पक्ष की ओर से यह भी बताया जा सकता है कि "क्या प्रतिवादी किसी काउंसलिंग प्रोग्राम में है या उसकी कोई स्थिर नौकरी है."
पैरोल के दौरान ट्रंप को नियमित रूप से एक प्रोबेशन अधिकारी को रिपोर्ट करनी होगी, और यात्रा पर नियम लागू किए जा सकते हैं.
ट्रंप को 34 क्लास E गुंडागर्दी का दोषी ठहराया गया था, जो न्यूयॉर्क की सबसे छोटी धारा है, जिनमें से प्रत्येक में चार साल तक की जेल की सजा हो सकती है. हालांकि, इस दौरान उन्हें प्रोबेशन मिलेगा या घर में कैद रहना पड़ेगा, इस पर फैसला जज करेंगे.
ऐसे में अगर उन्होंने जेल की सजा सुनाई भी, तो संभवतः वे दोनों सजाएं एक साथ ही देंगे, जिसका मतलब है कि ट्रंप को उन सभी मामलों में एक साथ सजा काटनी होगी, जिनमें उन्हें दोषी ठहराया गया था.
अगर ट्रंप को पैरोल मिलती है, तो भी उन्हें जेल हो सकती थी, अगर बाद में पाया जाता कि उन्होंने कोई और अपराध किया है. 77 वर्षीय ट्रंप पर तीन अन्य आपराधिक मामले चल रहे हैं.
ट्रंप के वकील 11 जुलाई को सुबह 10 बजे सजा सुनाए जाने के बाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर सकते हैं. और न्यायाधीश अपील के दौरान किसी भी सजा को रोक सकते हैं.
लेकिन अगर ट्रंप को जेल की सजा मिलती है और उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया जाता है और जेल भेजने का आदेश दिया जाता है, तो उनके साथ सीक्रेट सर्विस एजेंट भी होंगे, क्योंकि कानून के अनुसार उन्हें जेल में भी सुरक्षा मिलेगी.
Expand4. क्या अब ट्रंप लड़ पाएंगे राष्ट्रपति चुनाव ?
बीबीसी की रिपोर्ट अनुसार, अमेरिकी कानून उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने या निर्वाचित होने से नहीं रोकता.
(इनपुट-इंडियन एक्सप्रेस/आईएएनएस/बीबीसी)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Expand
इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई पूर्व या मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति किसी अपराध में दोषी करार दिया गया है.
ऐसे में ये जानना जरूरी है कि ट्रंप के पास क्या विकल्प होगा? और क्या वो चुनाव लड़ पाएंगे? लेकिन उससे पहले जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?
क्या है पूरा मामला?
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ लंबित चार आपराधिक मामलों में से यह पहला मामला है, जिसका फैसला आया है.
ट्रंप पर आरोप था कि उन्होंने पॉर्न स्टार को चुप रहने के लिए पैसे दिए और इसके लिए अपने व्यापारिक रिकॉर्ड में हेराफेरी की. उन्होंने वकील माइकल कोहेन को दिए गए कानूनी खर्च के रूप में इस पैसे को दिखाया, जो न्यूयॉर्क राज्य के कानून के तहत एक अपराध है.
पॉर्न स्टार ने ये भी आरोप लगाया था कि उनके बीच यौन संबंध थे.
अदालत से बाहर निकलते हुए ट्रंप ने कहा, "यह धांधली वाला मुकदमा है. यह अभी खत्म नहीं हुआ है."
ट्रंप को 11 जुलाई को सजा सुनाई जाएगी, जो रिपब्लिकन पार्टी कन्वेंशन से ठीक चार दिन पहले है. इसमें उन्हें औपचारिक रूप से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया जाएगा.
ट्रंप ने कहा कि असली फैसला नवंबर में होगा, जब राष्ट्रपति चुनाव होंगे.
अमेरिकी पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग सर्विस द्वारा प्रायोजित एक सर्वे से पता चला कि 67 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि उनकी सजा उनके वोट को प्रभावित नहीं करेगी. ट्रंप और बाइडेन सर्वे में बराबर पर चल रहे हैं.
सुनवाई के दौरान क्या हुआ?
मुकदमे के दौरान कोर्ट में काफी ड्रामा हुआ जिसमें सेक्स से सम्बंधित बातें भी शामिल थीं कि पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स ने गवाह के तौर पर सब के सामने कैसे सब कुछ बताया.
ट्रंप के पूर्व वकील और फिक्सर कोहेन ट्रंप से अलग होने के बाद अभियोजन पक्ष के मुख्य गवाह बन गए. उन्होंने अदालत में कहा कि उन्होंने ट्रंप से 30,000 डॉलर चुराए थे और शपथ/ प्लेज लेकर भी झूठ बोलने की बात स्वीकार की थी.
ट्रंप के वकीलों ने उनकी विश्वसनीयता को कम करने के लिए जूरी के सामने इस बात को जोर-शोर से पेश किया लेकिन इसका कुछ खास असर नहीं हुआ.
ट्रंप के पास क्या विकल्प होगा?
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, दोषी करार दिए जाने के बाद अब ट्रंप को मतदान में कठिनाई हो सकती है. ट्रम्प फ्लोरिडा में रजिस्टर्ड हैं, जहां मतदान के लिए पहले अपराधियों को पैरोल या प्रोबेशन सहित अपनी पूरी सजा पूरी करनी होती है. अब जब मतदान में कुछ ही महीने बचे हैं, ऐसे में लगता नहीं है कि वह उससे पहले अपनी सजा पूरी कर पाएंगे, चाहे वह कुछ भी हो.
लेकिन अगर चुनाव के दिन वह पैरोल पर हैं, तो फ्लोरिडा के कानून का एक प्रावधान उन्हें न्यूयॉर्क की अपेक्षा राहत दे सकता है- जो अपराधियों को पैरोल पर वोट देने की अनुमति देता है, जब तक कि वे जेल में न हों. क्योंकि न्यूयॉर्क ही वह जगह है जहां वो दोषी साबित हुए हैं.
फ्लोरिडा के राज्य सचिव के कार्यालय ने गुरुवार (30 मई) को ट्रम्प की पात्रता स्थिति की पुष्टि करने के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया. हालांकि, अगर वह जेल में हैं, तो वह किसी भी राज्य में मतदान नहीं कर पाएंगे.
ऐसे में ट्रंप लगभग निश्चित रूप से अपील करेंगे. हालांकि, उस अपील पर सुनवाई होने से पहले ही ट्रंप के सामने कई कानूनी अड़चने हैं. जैसे-
एक प्री-सेन्टेंस रिपोर्ट प्रतिवादी के आपराधिक रिकॉर्ड के साथ-साथ उसके व्यक्तिगत इतिहास और अपराध के आधार पर सिफारिशें करती है. इस मामले से पहले ट्रम्प का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था.
(प्री-सेंटेंस रिपोर्ट एक रिपोर्ट होती है जिसे प्रोबेशन अधिकारी द्वारा आपके किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद तैयार किया जाता है. इस रिपोर्ट में आपके बारे में प्रासंगिक, ऐतिहासिक और व्यक्तिगत जानकारी होती है जो न्यायाधीश को उचित सजा निर्धारित करने में सहायता करती है.)
न्यूयॉर्क की न्यायपालिका के अनुसार, सजा से पहले, प्रोबेशन विभाग में कार्यरत एक मनोवैज्ञानिक या सामाजिक कार्यकर्ता भी ट्रम्प से बात कर सकता है, जिसके दौरान प्रतिवादी "एक अच्छा प्रभाव बनाने की कोशिश कर सकता है और यह बता सकता है कि वह हल्की सजा का हकदार क्यों है."
प्री-सेंटेंस रिपोर्ट में बचाव पक्ष की ओर से यह भी बताया जा सकता है कि "क्या प्रतिवादी किसी काउंसलिंग प्रोग्राम में है या उसकी कोई स्थिर नौकरी है."
पैरोल के दौरान ट्रंप को नियमित रूप से एक प्रोबेशन अधिकारी को रिपोर्ट करनी होगी, और यात्रा पर नियम लागू किए जा सकते हैं.
ट्रंप को 34 क्लास E गुंडागर्दी का दोषी ठहराया गया था, जो न्यूयॉर्क की सबसे छोटी धारा है, जिनमें से प्रत्येक में चार साल तक की जेल की सजा हो सकती है. हालांकि, इस दौरान उन्हें प्रोबेशन मिलेगा या घर में कैद रहना पड़ेगा, इस पर फैसला जज करेंगे.
ऐसे में अगर उन्होंने जेल की सजा सुनाई भी, तो संभवतः वे दोनों सजाएं एक साथ ही देंगे, जिसका मतलब है कि ट्रंप को उन सभी मामलों में एक साथ सजा काटनी होगी, जिनमें उन्हें दोषी ठहराया गया था.
अगर ट्रंप को पैरोल मिलती है, तो भी उन्हें जेल हो सकती थी, अगर बाद में पाया जाता कि उन्होंने कोई और अपराध किया है. 77 वर्षीय ट्रंप पर तीन अन्य आपराधिक मामले चल रहे हैं.
ट्रंप के वकील 11 जुलाई को सुबह 10 बजे सजा सुनाए जाने के बाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर सकते हैं. और न्यायाधीश अपील के दौरान किसी भी सजा को रोक सकते हैं.
लेकिन अगर ट्रंप को जेल की सजा मिलती है और उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया जाता है और जेल भेजने का आदेश दिया जाता है, तो उनके साथ सीक्रेट सर्विस एजेंट भी होंगे, क्योंकि कानून के अनुसार उन्हें जेल में भी सुरक्षा मिलेगी.
क्या अब ट्रंप लड़ पाएंगे राष्ट्रपति चुनाव ?
बीबीसी की रिपोर्ट अनुसार, अमेरिकी कानून उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने या निर्वाचित होने से नहीं रोकता.
(इनपुट-इंडियन एक्सप्रेस/आईएएनएस/बीबीसी)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)