अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की नोबेल प्राइज पाने की चाहत भले ही पूरी न हो, लेकिन उन्हें इसके लिए नॉमिनेट कर दिया गया है. ट्रंप को इजरायल और यूएई के बीच हुए शांति समझौते को लेकर 2021 नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) के लिए नॉमिनेट किया गया है. ये डील डोनाल्ड ट्रंप ने ही करवाई थी. नॉर्वे के सांसद ने ट्रंप को नोबेल के लिए नॉमिनेट किया है.
ट्रंप के नॉमिनेशन में नॉर्वे के सांसद टीबरिंग गेज ने भारत का भी जिक्र किया है. उन्होंने कहा है कि ट्रंप ने भारत में मौजूद कश्मीर मुद्दे को लेकर पाकिस्तान और भारत के विवाद में अहम रोल अदा किया. साथ ही उन्होंने कहा है कि ट्रंप ने दुनियाभर में जारी विवादों को खत्म करने की दिशा में कदम उठाए हैं. साथ ही सांसद ने कहा है कि ट्रंप ने यूएई और इजरायल के बीच जो शांति समझौता कराया है वो एक बड़ा गेम चेंजर साबित होगा.
क्या था समझौता?
दरअसल इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच जारी तनाव के बाद एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. लेकिन इस समझौते में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अहम भूमिका निभाई थी. ट्रंप ने खुद इसे लेकर जानकारी दी थी. ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था, ''बड़ी सफलता! हमारे दो अच्छे दोस्तों, इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच ऐतिहासिक शांति समझौता!'' ट्रंप ने ओवल आफिस से कहा था,
‘‘49 सालों बाद इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात अपने राजनयिक संबंध सामान्य बनाएंगे. वे अपने दूतावासों और राजदूतों का आदान-प्रदान करेंगे और अलग-अलग क्षेत्रों में सहयोग शुरू करेंगे जिनमें पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, व्यापार और सुरक्षा शामिल हैं.’’
इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘‘अब जब शुरुआत हो गई है, मैं उम्मीद करता हूं कि और अरब और मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात को फॉलो करेंगे.''
नोबेल को लेकर ट्रंप की इच्छा
अब ट्रंप को भले ही नोबेल प्राइज के लिए नॉमिनेट किया गया है, लेकिन उनकी काफी पहले से ही नोबेल पाने की इच्छा रही है. खुद ट्रंप ने सबके सामने कहा था कि, ये अन्याय है कि उन्हें कभी नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिला. उन्होंने अपने बयान में कहा था,
‘‘मुझे कई चीजों के लिए नोबेल पुरस्कार मिलता अगर वे इसे निष्पक्ष तरीके से देते लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.’’
ट्रंप ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को शांति का नोबेल पुरस्कार दिए जाने पर भी सवाल उठा दिए थे. उन्होंने कहा था, ‘‘उन्होंने ओबामा के राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद उन्हें पुरस्कार दे दिया और उन्हें पता तक नहीं था कि उन्हें यह क्यों मिला. आप जानते हैं? मैं बस इस बात पर उनसे सहमत हूं.’’
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