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कोरोना, रोजगार, ओसामा...RNC 2020 में ट्रंप ने कितने झूठ बोले

रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में गुरुवार रात को ट्रंप ने दिया था भाषण

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अमेरिका में गुरुवार रात को रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन (RNC) 2020 खत्म हो गया. RNC की आखिरी रात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर औपचारिक तरीके से नामांकन स्वीकार करते हुए स्पीच दी. सीएनएन के मुताबिक, इस स्पीच में ट्रंप ने 20 से ज्यादा गलत और भ्रामक दावे किए.

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चलिए, अलग-अलग मुद्दों पर ट्रंप के कुछ ऐसे ही दावों और उनकी हकीकत पर एक नजर दौड़ाते हैं.

COVID-19 संकट

दावा: COVID-19 के इलाज को लेकर ट्रंप ने कहा, ''हमने प्रभावी इलाजों की एक विस्तृत श्रृंखला विकसित की है, जिसमें एक पावरफुल एंटीबॉडी इलाज शामिल है, जिसे कॉन्वेलसेंट प्लाज्मा (थेरेपी) कहा जाता है, जो हजारों जान बचाएगा.'' नोवेल कोरोना वायरस की वजह से होने वाली मौतों को लेकर ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका सबसे कम मृत्यु दर वाले प्रमुख देशों में शामिल है.

हकीकत: अमेरिका ने अभी तक कोरोना वायरस के लिए एक भी नया इलाज विकसित नहीं किया है. वहां पहले से मौजूद दवाओं और तरीकों से COVID-19 का इलाज किया जा रहा है. जिनमें स्टेरॉयड डेक्सामेथासोन, रेमेडिसविर और प्लाज्मा थेरेपी के जरिए इलाज शामिल हैं.

कॉन्वेलसेंट प्लाज्मा थेरेपी एक पुराना तरीका है, जिसे कई सालों पहले पोलियो, खसरा और मम्प्स आदि से निपटने के लिए इस्तेमाल किया गया था. अमेरिका में COVID-19 के खिलाफ इस तरीके के प्रभावी साबित होने को लेकर विशेषज्ञ भी एकमत नहीं हैं.

अब बात करते हैं COVID-19 के चलते होने वाली मौतों की दर की. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, अमेरिका में मृत्यु दर का आंकड़ा 3.1 फीसदी है. वहीं भारत में यह आंकड़ा 1.8 फीसदी, रूस में 1.7 फीसदी, सऊदी अरब में 1.2 फीसदी और इजरायल में 0.8 फीसदी है. इस लिस्ट में और भी कई प्रमुख देश शामिल हैं, जिनमें मृत्यु दर अमेरिका की तुलना में काफी कम है.

रोजगार

दावा: ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने पिछले तीन महीनों में रिकॉर्ड नौ मिलियन नौकरियां हासिल की हैं.

हकीकत: यह एक तरीके से भ्रामक दावा है. भले ही अर्थव्यवस्था को मई, जून और जुलाई में संयुक्त रूप से लगभग 9.3 मिलियन नौकरियां मिलीं, लेकिन इससे पहले मार्च और अप्रैल में लगभग 22.2 मिलियन नौकरियां गई भी थीं. ऐसे में अर्थव्यवस्था नौकरियों को लेकर अभी भी नुकसान में ही है.

अश्वेतों के लिए काम

दावा: ट्रंप ने दावा किया कि

हकीकत: यह कहना बेतुका है. ट्रंप ने जो कुछ भी किया है, स्पष्ट तौर पर अश्वेत अमेरिकियों के लिए उससे ज्यादा अहम गुलामों को मुक्त किया जाना था. राष्ट्रपति लिंडन बी. जॉनसन के हस्ताक्षर वाले 1964 सिविल राइट्स एक्ट और 1965 वोटिंग राइट्स एक्ट जैसे कानूनों के प्रभावों के सामने वो कानून बौने नजर आते हैं, जो ट्रंप के हस्ताक्षर के बाद लागू हुए हैं.

इराक युद्ध

दावा: ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन को लेकर दावा किया, ''उन्होंने इराक युद्ध के लिए वोट किया था.''

हकीकत: इस बयान में मामले के अहम संदर्भ को बाहर रखा गया है. ट्रंप की यह बात सही है कि बाइडेन ने युद्ध के लिए वोट किया था, लेकिन ट्रंप ने इस बात का जिक्र नहीं किया कि उन्होंने के हॉवर्ड स्टर्न के साथ एक इंटरव्यू में खुद 2003 के आक्रमण का समर्थन किया था. हालांकि बाद में उन्होंने अपना रुख बदल लिया. मगर साल 2004 तक ट्रंप युद्ध के स्पष्ट विरोधी के तौर पर सामने नहीं आए थे. उनके साथी, माइक पेंस ने भी कांग्रेस के सदस्य के रूप में युद्ध के लिए वोट किया था.

ओसामा मिशन

दावा: ट्रंप ने बाइडेन को लेकर कहा, ''उन्होंने ओसामा बिन लादेन को बाहर लाने के मिशन का विरोध किया था.''

हकीकत: रेड के बाद, बाइडेन ने बताया था कि कैसे उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा को इस बात पर आगे की पुष्टि का इंतजार करने की सलाह दी थी कि लादेन वास्तव में पाकिस्तान के उस कैंपस में है या नहीं, जहां उसे मार गिराया गया था. बाइडेन के मुताबिक, उन्होंने ओबामा के साथ प्राइवेट मीटिंग में उनसे अपनी प्रवृत्ति का पालन करने की सलाह दी थी. ऐसे में ट्रंप ने किस आधार पर बाइडेन के ओसामा मिशन के विरोध का दावा किया है, यह साफ नहीं है.

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