अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि चीनी ऐप टिकटॉक ने 15 सितंबर के आसपास तक, अगर किसी अमेरिकी कंपनी को अपने ऑपरेशन्स नहीं बेचे तो अमेरिका में वो 'बिजनेस से बाहर' होगी.
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है कि जब माइक्रोसॉफ्ट टिकटॉक के ऑपरेशन्स खरीदने के लिए उसकी मूल कंपनी बाइटडांस के साथ बातचीत कर रही है.
हालांकि, राष्ट्रपति पूरी 100 फीसदी खरीद के पक्ष में हैं, न कि 30 फीसदी के रूप में, जिसके लिए कथित तौर पर बातचीत की जा रही है. ट्रंप ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने इस मुद्दे पर माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला से बात की.
उन्होंने बताया, ‘’हमारी शानदार बातचीत हुई... मैंने कहा, देखो, सुरक्षा कारणों से यह चीन द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता... (यह) बहुत बड़ा, बहुत आक्रामक है. यह नहीं हो सकता ... मुझे कोई आपत्ति नहीं है कि यह माइक्रोसॉफ्ट है या कोई और, अगर एक बड़ी कंपनी... अमेरिकी कंपनी इसे खरीदती है. इसके 30 फीसदी को खरीदने के बजाए शायद इसे पूरा खरीदना आसान होगा.’’
ट्रंप ने कहा, ''15 सितंबर के आसपास एक तारीख तय करें, जिस पर यह (टिकटॉक) अमेरिका में बिजनेस से बाहर होने जा रही है. अगर कोई, चाहे वो माइक्रोसॉफ्ट हो या कोई और, इसे खरीदता है तो यह दिलचस्प होगा.''
चीनी सॉफ्टवेयर कंपनियों पर अमेरिकी विदेश मंत्री का भी निशाना
हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि उनके देश में बिजनेस करने वाली कई चीनी सॉफ्टवेयर कंपनियां सीधे चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) को डेटा दे रही हैं.
पोम्पियो ने फॉक्स न्यूज पर वाइट हाउस ट्रेड एडवाइज पीटर नवारो का हवाला देते हुए कहा, ‘’ अमेरिका में बिजनेस कर रही चीनी सॉफ्टवेयर कंपनियां, चाहे वो TikTok हो या WeChat - ये काफी ज्यादा हैं, चीइनीज कम्युनिस्ट पार्टी, उनके राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र को सीधे तौर पर डेटा दे रही हैं.’’
हाल के कुछ हफ्तों में, पहले भी पोम्पिओ ने TikTok पर अमेरिकियों की निजी सूचना जमा करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सदन की विदेश मामलों संबंधी समिति के सदस्यों को गुरुवार को यह भी बताया था, “भारत ने TikTok समेत 106 चीनी ऐप को प्रतिबंधित किया है जो उसके नागरिकों की निजता और सुरक्षा के लिए जोखिम खड़े कर रहे थे.’’
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