भारत के बाद अब अमेरिका में भी टिक टॉक बैन हो गया है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी ऐप टिक टॉक और वीचैट पर बैन लगाने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने टिक टॉक को बैन करने वाले आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. ट्रंप का कहना है कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए ये फैसला जरूरी है. ट्रंप ने जिस ऑर्डर पर साइन किए हैं, उसके मुताबिक ये बैन अगले 45 दिनों में लागू हो जाएगा.
अगले 45 दिनों में टिक टॉक की पेरेंट कंपनी बाइटडांस के साथ किसी भी तरह के लेन-देन पर रोक लग जाएगी.
बता दें कि अभी हाल ही में भारत सरकार ने बॉर्डर पर चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच कई बड़ी चीनी ऐप्लीकेशंस को बैन करने का फैसला किया था. भारत में कुल 59 चीनी ऐप्स को बैन कर दिया गया है.
क्या चीन टिक टॉक के जरिए कर रहा जासूसी?
अमेरिकी नेताओं का मानना है कि चीन की सरकार TikTok के जरिए अमेरिकी लोगों की जासूसी कर सकती है.
हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि उनके देश में बिजनेस करने वाली कई चीनी सॉफ्टवेयर कंपनियां सीधे चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) को डेटा दे रही हैं. पोम्पियो ने फॉक्स न्यूज पर वाइट हाउस ट्रेड एडवाइज पीटर नवारो का हवाला देते हुए कहा,
अमेरिका में बिजनेस कर रही चीनी सॉफ्टवेयर कंपनियां, चाहे वो TikTok हो या WeChat - ये काफी ज्यादा हैं, चीइनीज कम्युनिस्ट पार्टी, उनके राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र को सीधे तौर पर डेटा दे रही हैं.
ट्रंप ने ये फैसला ऐसे वक्त में लिया है जब माइक्रोसॉफ्ट टिकटॉक के ऑपरेशन्स खरीदने के लिए उसकी मूल कंपनी बाइटडांस के साथ बातचीत कर रही है. हालांक राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले ही कहा है कि अगर कोई अमेरिकी कंपनी टिक टॉक के ऑपरेशन्स खरीदना चाहती है तो वो पूरी 100 फीसदी खरीदे, उससे कम नहीं,
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