विश्व स्वास्थ्य संगठन पर चीन के नियंत्रण में होने का आरोप लगाते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को अमेरिका का संगठन से रिश्ता ''खत्म'' कर दिया.
ट्रंप के मुताबिक, ''चीन का WHO पर पूरी तरह नियंत्रण है, जबकि वहां से सिर्फ 40 मिलियन डॉलर ही फंड दिया जा रहा है. जबकि अमेरिका 450 मिलियन डॉलर का अनुदान देता है. लेकिन WHO जरूरी काम करने और सुधार लाने में नाकाम रहा है. इसलिए हम संगठन से अपने संबंध खत्म कर रहे हैं.''
बता दें ट्रंप का मौजूदा बयान उनके द्वारा WHO को धमकी देने के एक हफ्ते बाद आया है. उन्होंने संगठन से 30 दिन में सुधार लाने के लिए कहा था. ऐसा न कर पाने की स्थिति में उन्होंने अमेरिका द्वारा संगठन छोड़ने की धमकी दी थी.
हॉन्गकॉन्ग पर नाराज अमेरिका
हॉन्गकॉन्ग पर चीन की तरफ से नए राष्ट्रीय सुरक्षा विधेयक की सहमति मिल चुकी थी. ट्रंप ने चीन के इस कदम को हॉन्गकॉन्ग के लंबे दर्जे से खिलावाड़ बताया है. उन्होंने इसे हॉन्गकॉन्ग के लोगों के लिए बहुत नुकसानदेह बताया.
हम हॉन्गकॉन्ग के लिए गृह विभाग की तरफ से यात्रा सलाह के निर्देश दे रहे हैं. ताकि चीनी राज्य से सुरक्षा ढांचे के सर्विलांस और नुकसान पर ध्यान दिलाया जा सकेडोनाल्ड ट्रंप
बुधवार को ट्रंप प्रशासन ने कहा था कि हॉन्गकॉन्ग की स्वतंत्रता को चीन के चलते प्रमाणित नहीं किया जा सकता. जबकि ब्रिटेन ने हॉन्गकॉन्ग छोड़ते वक्त इस स्वतंत्रता का वायदा किया था. इसके बाद अमेरिका ने चीन पर कई प्रतिबंध लगाए हैं. इसके तहत हॉन्गकॉन्ग का अमेरिका के ट्रेडिंग पार्टनर के तौर पर विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया.
ट्रंप पिछले महीने ही WHO के लिए अमेरिकी अनुदान को खत्म कर चुके थे. उन्होंने संगठन पर कोरोना वायरस के संबंध में चीन के बारे में गलत जानकारी साझा करने का आरोप लगाते हुए अनुदान रोका था. जवाब में WHO ने अमेरिका के आरोपों को नकारा था. वहीं चीन ने खुद को पारदर्शी बताया था.
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