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क्यों ऐतिहासिक था ट्रंप के खिलाफ ट्रायल? US में महाभियोग का इतिहास

इससे पहले जॉनसन और क्लिंटन पर भी चलाया गया है महाभियोग, निक्सन ने दे दिया था महाभियोग के डर से इस्तीफा

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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सीनेट ने दूसरी बार महाभियोग ट्रायल में बरी कर दिया है. कैपिटल बिल्डिंग हिंसा मामले में ‘विद्रोह भड़काने’ के लिए ट्रंप को दोषी करार देने के पक्ष में जरूरी दो तिहाई वोट नहीं पड़े,

अमेरिका के इतिहास में अब तक तीन अमेरिकी राष्ट्रपतियों- डोनाल्ड ट्रंप, बिल क्लिंटन और एंड्रयू जॉनसन पर महाभियोग चलाया गया है. लेकिन ट्रंप के खिलाफ दूसरे महाभियोग ट्रायल को ऐतिहासिक माना जा रहा है.

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क्यों ऐतिहासिक था ट्रंप का महाभियोग ट्रायल?

  • डोनाल्ड ट्रंप अकेले ऐसे राष्ट्रपति रहे हैं, जिन्हें दो बार महाभियोग का सामना करना पड़ा.
  • वैसे अमेरिकी राष्ट्रपतियों पर भ्रष्टाचार या ताकत के दुरुपयोग के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन पहली बार किसी राष्ट्रपति पर विद्रोह भड़काने और अपनी ही संसद पर हमले करवाने की साजिश का आरोप लगा.
  • ट्रंप से पहले किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति पर पद से हटने के बाद सीनेट में महाभियोग ट्रायल नहीं चलाया गया था.

महाभियोग पर क्या कहता है अमेरिकी संविधान?

  • अमेरिकी संविधान के अनुच्छेद 2 (धारा 4) में उल्लेख है कि राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति तथा सभी लोक अधिकारियों को उनके पदों से महाभियोग द्वारा हटाया जा सकता है.
  • अमेरिका के राष्ट्रपति को देशद्रोह, रिश्वत लेने अथवा किसी अन्य गंभीर अपराध या दुष्कर्म के कारण पद से हटाया जा सकता है.
  • अनुच्छेद एक, धारा दो, खंड 5 यह प्रावधान करता है कि सभी प्रकार के महाभियोग की सुनवाई का अधिकार सीनेट (कांग्रेस का ऊपरी सदन) के पास होगा.
  • किसी भी व्यक्ति को दोषी ठहराने के लिए, सीनेट में दो-तिहाई समर्थन होना चाहिए.

आइए, अब एक नजर डालते हैं अमेरिका में राष्ट्रपति पर चले महाभियोग के इतिहास पर

एंड्रयू जॉनसन (1868)

साल 1868 में एंड्रयू जॉनसन के खिलाफ भी महाभियोग चला था. उन पर एक सरकारी अधिकारी को गैर कानूनी तरीके से बर्खास्‍त करने का आरोप लगा था. दरअसल अमेरिकी गृह युद्ध के बाद डेमोक्रेट पार्टी के राष्ट्रपति एंड्रयू जॉनसन और रिपब्लिकन पार्टी के नेतृत्व वाली कांग्रेस में काफी तकरार होती रहती थी.

विवाद तब शुरू हुआ, जब कांग्रेस ने एक एक्ट पारित किया, जिसमें राष्ट्रपति की अपनी कैबिनेट के सदस्यों की सदस्यता बिना सीनेट की मंजूरी के समाप्त किए जाने के अधिकार को सीमित किया गया था. इस पर भड़के राष्ट्रपति जॉनसन ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी और कैबिनेट सदस्य एडविन स्टेंटन को निलंबित कर दिया.

स्टेंटन के निलंबन के बाद रिपब्लिकन नेताओं ने वोटिंग के जरिए राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पेश किया. सीनेट में वोटिंग के दौरान महाभियोग के समर्थन में दो-तिहाई बहुमत से सिर्फ एक वोट कम पड़ा, और जॉनसन किसी तरह बरी हो गए.

बिल क्लिंटन (1998)

साल 1998 में बिल क्लिंटन पर मोनिका लेवेंस्‍की (व्हाइट हाउस की इंटर्न) के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगा था. वैसे राष्ट्रपति बनने के एक साल बाद ही क्लिंटन के खिलाफ उनके रियल एस्टेट के सौदों की जांच शुरू हो गई थी. बाद में व्हाइट हाउस की इंटर्न मोनिका लेविंस्की के साथ उनके अफेयर को भी जांच में शामिल कर लिया गया.

पौला जोंस के यौन शोषण के मामले में क्लिंटन से लेविंस्की से उनके संबंधों के बारे में भी पूछा गया था, लेकिन क्लिंटन ने शपथ लेते हुए ये कहा कि उनका लेविंस्की के साथ कोई अफेयर नहीं था.

सितंबर 1998 में जब कांग्रेस के सामने जांच रिपोर्ट पेश हुई, तो इसमें लेविंस्की का बयान भी शामिल था. इसके बाद राष्ट्रपति क्लिंटन पर झूठ बोलने और कांग्रेस के काम में दखल देने के आरोप में महाभियोग चलाया गया. लेकिन वोटिंग के दौरान रिपब्लिकन पार्टी के नियंत्रण वाली सीनेट ने क्लिंटन को बरी कर दिया.

डोनाल्ड ट्रंप (2019)

साल 2019 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगा कि उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी जो बाइडेन के खिलाफ जांच कराने के लिए यूक्रेन पर दबाव बनाया. अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने और कांग्रेस के काम में दखलअंदाजी करने के आरोप में उनके खिलाफ 230-197 के बहुमत से महाभियोग का प्रस्ताव पारित हुआ. लेकिन वोटिंग के दौरान सीनेट ने उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया. उस मामले में किसी भी रिपब्लिकन सीनेटर ने ट्रंप के खिलाफ वोट नहीं दिया था.

रिचर्ड निक्सन पर था महाभियोग का खतरा

राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के सामनेभी महाभियोग का खतरा था, जब उनका नाम वाटरगेट कांड से जुड़ा था. हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी ने निक्सन के खिलाफ महाभियोग के तीन आर्टिकल पेश किए थे. हालांकि, महाभियोग की आगे की प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही निक्सन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति जेराल्ड फोर्ड ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली. उनके अलावा और भी कई अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने महाभियोग के खतरे का सामना किया था.

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