इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमलों के बाद पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मीडिया को संबोधित कर रहे हैं. 8 जनवरी की सुबह ईरान ने इराक के इरबिल और अल-असद में मौजूद अमेरिकी फौज के ठिकानों पर कई मिसाइल दागी थीं.
ट्रंप के संबोधन की बड़ी बातें:
- ईरान के हमले में कोई इराकी या अमेरिकी हताहत नहीं
- ईरान पर नए और कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे,ईरान के आक्रमण के जवाब के लिए जरूरी विकल्प पर हम विचार कर रहे हैं
- सुलेमानी को बहुत पहले ही मार दिया जाना चाहिए था
- सुलेमानी अमेरिकियों पर नए हमले की तैयारी कर रहा था, जिसे हमने रोक दिया
- ईरान को कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं करने दिए जाएंगे
- इसके बावजूद अमेरिका को धन्यवाद करने के बजाए ईरान अमेरिका के खिलाफ बयानबाजी करता रहा
- ईरान के साथ मूर्खतापूर्ण न्यूक्लियर डील की गई थी और उसके बदले ईरान को भारी आर्थिक सहायता दी गई थी
- ईरान को परमाणु हथियारों की कोशिश को छोड़ देना चाहिए और साथ ही आतंकियों को समर्थन देना भी बंद करना चाहिए.
- रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस को ईरान की हरकतों के बारे में समझना चाहिए
- मैं NATO से कहना चाहूंगा कि वो मिडिल ईस्ट में और भी ज्यादा सक्रिय हो जाएं
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हमले में 80 से ज्यादा लोग मारे गए थे, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था कि ‘सब ठीक है’ और नुकसान का आंकलन किया जा रहा है.
‘कासिम सुलेमानी की हत्या का जवाब’
ट्रंप के आदेश के बाद 3 जनवरी को बगदाद एयरपोर्ट पर ईरान की कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी पर हमला किया गया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी.
ईरान के सरकारी टेलीविजन के मुताबिक बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद यह कार्रवाई की गई.
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने हमले को आत्मरक्षा में उठाया गया कदम बताया. और कहा कि इसके साथ ही अमेरिकी हवाई हमले में मारे गए कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला पूरा हो गया है. उन्होंने बताया कि इस हमले में उस अड्डे को निशाना बनाया गया, जहां से नागरिकों और वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कायरतापूर्ण सैन्य हमला किया गया था.
अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, ‘‘इराक और ईरान में आज जो कुछ भी हो रहा है, उसका अनुमान लगाया जा सकता था’’. उन्होंने ईरान के परमाणु समझौते से अलग होने और जनरल सुलेमानी की हत्या का आदेश देने के ट्रंप के फैसलों की आलोचना की.
कौन थे सुलेमानी और क्यों मारा गया?
जनरल सुलेमानी ईरान की कुद्स फोर्स के प्रमुख थे. ये फोर्स एक तरह से विदेश में ईरान की सेना के जैसी है जो अलग-अलग देशों में ईरानी हितों के हिसाब से काम करती थी. सुलेमानी को ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई के बाद दूसरा सबसे शक्तिशाली शख्स माना जाता था, जबकि अमेरिका उन्हें अपने सैनिकों की मौत के लिए जिम्मेदार 'आतंकवादी' मानता था.
अमेरिका ने कुद्स फोर्स को 25 अक्तूबर 2007 को ही आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था. इसके अलावा इस संगठन के साथ किसी भी अमेरीकी के लेनदेन किए जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था.
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