अमेरिकी संसद कैपिटल बिल्डिंग पर हुए हमले के बाद अब अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रिजेंटेटिव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ 13 जनवरी को दूसरा महाभियोग लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. अमेरिकी संसद के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में इसको लेकर वोटिंग हुई और बहस शुरू हो गई है. निचले सदन में करीब 220 सांसदों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया है. इसके बाद ट्रंप के राष्ट्रपति पद से हटाने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. बता दें कि हाउस ऑफ रिप्रिजेंटेटिव में अब डेमोक्रेट्स का नियंत्रण है.
ट्रंप का कार्यकाल पूरा होने में सिर्फ 8 दिन बचे
वैसे ट्रंप का कार्यक्रल पूरा होने में सिर्फ 8 दिन ही बचे हैं लेकिन हाउस ट्रंप पर महाभियोग लगाने वाले आर्टिकल के तहत कार्यवाही करेगा. राष्ट्रपति ट्रंप पर बीते दिनों अमेरिकी संसद कैपिटल बिल्डिंग पर हुए हमले के पहले प्रदर्शनकारियों को उकसाने का आरोप लगा था. अमेरिका के इतिहास में इसे लोकतंत्र पर सबसे बड़े हमले के रूप में देखा गया है. इस हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई.
उपराष्ट्रपति पेंस ट्रंप को हटाने के लिए नहीं थे तैयार
इसके पहले डेमोक्रेट्स सांसदों ने ट्रंप के सहयोगी और उपराष्ट्रपति माइक पेंस से को मनाने की कोशिश की, ताकि वो संविधान के आर्टिकल 25 का इस्तेमाल करते हुए ट्रंप को हटाने की प्रक्रिया शुरू करें. लेकिन पेंस ने ऐसा करने से मना कर दिया, जिसके बाद डेमोक्रेट्स सांसदों ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग लाने का फैसला किया था.
ट्रंप के खिलाफ महाभियोग लाने या उनके कार्यकाल के बचे हुए दिन से पहले उन्हें हटाने संबंधी सवाल पर अमेरिका के प्रेसिडेंट-इलेक्ट जो बाइडेन ने हाल ही में कहा था कि 20 जनवरी को उनका पद संभालना ही ट्रंप को हटाने का सबसे त्वरित तरीका है. इस बीच, अथॉरिटीज ने बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर सुरक्षा से जुड़ी चेतावनियां दी हैं. ऐसे में ट्रंप ने वॉशिंगटन डीसी के लिए इमरजेंसी डिक्लेरेशन को मंजूरी दे दी है.
कई रिपब्लिकन सांसद बोले- ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का करेंगे समर्थन
ट्रंप के खिलाफ सोमवार को डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने महाभियोग प्रस्ताव पेश किया था. इन सांसदों ने प्रस्ताव पेश करते हुए ट्रंप पर अपने समर्थकों को कैपिटल बिल्डिंग में हिंसा भड़काने के लिए उकसाने का आरोप लगाया.
प्रस्ताव में कहा गया कि ट्रंप ने अपने समर्थकों को कैपिटल बिल्डिंग की घेराबंदी के लिए तब उकसाया, जब वहां इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती चल रही थी और लोगों के धावा बोलने की वजह से यह प्रक्रिया बाधित हुई. इस घटना में एक पुलिस अधिकारी समेत पांच लोगों की मौत हो गई.
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