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यूरोप में बाढ़: अब तक 150 लोगों की मौत, जर्मनी में सबसे ज्यादा नुकसान

Europe Floods: बेल्जियम ने बाढ़ पीड़ितों के लिए 20 जुलाई को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया है.

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यूरोप में आई भीषण बाढ़ (Europe Floods) से मरने वालों की संख्या 150 पहुंच गई है. पश्चिमी यूरोप में बाढ़ से सबसे ज्यादा जर्मनी (Germany) प्रभावित है, जहां 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जर्मनी में मूसलाधार बारिश से आई विनाशकारी बाढ़ से गांव के गांव तबाह हो गए हैं. बेल्जियम और नीदरलैंड्स में भी बाढ़ की त्रासदी देखी जा सकती है.

जर्मनी में राइनलैंड-पैलेटिनेट और नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया बुरी तरह प्रभावित हैं. यहां 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग लापता हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, Ahrweiler जिले में 1300 लोग लापता बताए जा रहे हैं.

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जर्मनी में 15 हजार पुलिसकर्मी, सेना और इमरजेंसी सर्विस के कर्मचारी राहत बचाव का काम कर रहे हैं.

पश्चिमी यूरोप से बाढ़ की तस्वीरें काफी भयानक हैं. जर्मनी के Erftstadt में बाढ़ ने एक बड़ा सिंक होल बना दिया है. ब्लेसम जिले में बाढ़ से काफी घरों को नुकसान पहुंचा है. कई इलाकों में कारें मलबे में दब गई हैं, तो कई जगह एक के ऊपर एक चढ़ गई हैं.

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    जर्मनी के Erftstadt के ब्लेसम जिले में आई बाढ़, 16 जुलाई 2021 की तस्वीर

    (फोटो: PTI)

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    जर्मनी के Erftstadt के ब्लेसम जिले में बाढ़ से मकान ढहे, 16 जुलाई 2021 की तस्वीर

    (फोटो: PTI)

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    जर्मनी के Schuld में बाढ़ से मलबा घरों के पास आ गया, 16 जुलाई 2021 की तस्वीर

    (फोटो: PTI)

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    जर्मनी के Erftstadt में बाढ़ से बना बड़ा सिंक होल, 16 जुलाई 2021 की तस्वीर

    (फोटो: PTI)

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    बेल्जियम के Pepinster में बाढ़ से नुकसान, 15 जुलाई 2021 की तस्वीर

    (फोटो: PTI)

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    जर्मनी के Hagen के Hohenlimburg जिले में मलबे में समाई कार, 15 जुलाई 2021 की तस्वीर

    (फोटो: PTI)

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बेल्जियम ने बाढ़ पीड़ितों के लिए राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया

बेल्जियम में भी बाढ़ से भारी नुकसान पहुंचा है. यहां करीब 20 लोगों की बाढ़ से मौत हो चुकी है और कई घायल हैं. बेल्जियम ने बाढ़ पीड़ितों के लिए 20 जुलाई को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया है.

प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर डी क्रू ने शुक्रवार को कहा, "ये बहुत ही असाधारण परिस्थितियां हैं. ये हमारे देश में अब तक की सबसे भीषण बाढ़ है."

तीन दिनों की मूसलाधार बारिश के बाद, नदियों और नालों ने अपने किनारों को तोड़ दिया, जिससे देश के कुछ हिस्सों में पूरी सड़कों और गांवों में पानी भर गया.

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