मार्च के महीने में स्वेज नहर में फंसने वाले एवर गिवेन जहाज के मालिक ने घटना के लिए नहर अथॉरिटी को जिम्मेदार ठहराया है. जहाज को अथॉरिटी ने मिस्र में रोक रखा है और मुआवजा मांगा है. जहाज के मालिक ने इसे कोर्ट में चुनौती देते हुए ये बात कही.
दुनिया के सबसे बड़े मालवाहक जहाजों में से एक एवर गिवेन 23 मार्च को तेज हवाओं के बीच स्वेज नहर के तट पर फंस गया था. छह दिन के रेस्क्यू के बाद जहाज को निकाला गया था. हालांकि, छह दिनों तक नहर के बंद रहने की वजह से ग्लोबल ट्रेड को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा.
उसके बाद से ही जहाज को स्वेज नहर अथॉरिटी (SCA) में रोक रखा है और इसके जापानी मालिक शोई किसेन से 916.5 मिलियन डॉलर मांगे हैं.
कोर्ट में क्या हुआ?
मिस्र में इस्माइलिया इकनॉमिक कोर्ट ने 22 मई को एवर गिवेन को रोके जाने के खिलाफ उसके मालिक की अपील सुनी.
शोई किसेन के वकील ने तर्क दिया कि खराब मौसम में जहाज को नहर में जाने की अनुमति देना SCA की गलती है. रॉयटर्स से वकील ने कहा कि अथॉरिटी जहाज की गलती साबित नहीं कर पाई.
वकीलों ने कहा कि जहाज को उसके साइज के हिसाब की दो टग बोट के साथ नहर में भेजा जाना चाहिए, लेकिन ‘ऐसा नहीं हुआ.’
वकीलों का कहना है कि एवर गिवेन को रोकना कानूनी रूप से ठीक नहीं है क्योंकि जहाज को निकालने का काम 'सही कानूनी मायने में रेस्क्यू' नहीं था और इसलिए SCA मुआवजा नहीं मांग सकती.
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