पेगासस पर फॉरबिडन स्टोरीज (Forbidden Stories) के खुलासे ने पूरे देश में हलचल मचा दी है. Forbidden Stories ने एमनेस्टी इंटरनेशनल के साथ पेगासस प्रोजेक्ट (Pegasus Project) पर काम किया और पता लगाया कि सरकारें पत्रकारों, नेताओं और कानूनविदों की जासूसी कर रही हैं. कुल 50 हजार लोगों की जासूसी का दावा किया गया है. फिलहाल पत्रकारों के नाम निकले हैं, आने वाले दिनों में बाकी नामों के खुलासा होने की उम्मीद है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर फॉरबिडन स्टोरीज है क्या जिसने इतने बड़े काम को अंजाम दिया है.
फॉरबिडन स्टोरीज पत्रकारों का एक साझा मंच है. इसकी स्थापना 2015 में इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट लारेंट रिचर्ड ने की थी. लारेंट को इसकी प्रेरणा 2015 में चार्ली हेब्दो पर हुए हमले में मारे गए पत्रकारों के काम को देखकर मिली थई. फॉरबिडन स्टोरी एक नॉन-प्रॉफिट फ्रांस आधारित ऑर्गेनाइजेशन है, जो फ्रीडम वॉयस नेटवर्क के नाम से पंजीकृत है.
क्या करती है फॉरबिडन स्टोरीज
मंच का उद्देश्य पत्रकारों के उस संवेदनशील जानकारी की रक्षा करना है, जिसकी वजह से उन्हें खतरा है. अगर पत्रकार को ऐसी स्थिति में कुछ हो जाता है, तो यह मंच उनकी स्टोरी को पब्लिश करता है.
इसके अलावा यह पत्रकारों के बीच समन्वय का काम भी करता है. इसके तहत स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया का कंसोर्टियम भी बनाया जाता है. मंच यह तय करता है कि इसके द्वारा उठाई गई अहम स्टोरी अलग-अलग देशों में कई मीडिया हाउस से पब्लिश हो सके.
इस मंच के तहत 38 अलग-अलग देशों के 60 से ज्यादा न्यूज ऑर्गेनाइजेशन और 100 से ज्यादा पत्रकार आपस में समन्वय बनाकर काम कर चुके हैं. फॉरबिडन स्टोरीज की एक सब्सिडायरी कंपनी फॉरबिडन फिल्म भी है, जो डॉक्यूमेंट्री का प्रकाशन करती है.
फॉरबिडन स्टोरीज की एडिटर-इन-चीफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट सांद्रिन रिगाउद हैं. इसमें ICIJ में काम कर चुकीं सेशिल शीलिस-गाल्लेगो, ऑउड्रे ट्रेवेरे, पॉलोमा डि डिनेशिन और अन्य पत्रकार भी शामिल हैं.
क्या-क्या प्रकाशित कर चुका है मंच
फॉरबिडन स्टोरीज को मेक्सिको से संबंधित कार्टेल प्रोजेक्ट के लिए जाना जाता है, जिसके तहत मेक्सिको के पत्रकार रेजिना मार्टिनेज का काम प्रकाशित किया गया था. बता दें मार्टिनेज की ड्रग्स माफिया ने हत्या कर दी थी.
मंच ने डाफने प्रोजेक्ट के नाम से माल्टा की पत्रकार डाफने करूना गालजिया की स्टोरीज उनकी हत्या के बाद पब्लिश की थीं. बताया जाता है मंच के जरिए यह स्टोरीज करीब 7.4 करोड़ लोगों तक पहुंची थीं. इसके अलावा ग्रीन ब्लड प्रोजेक्ट समेत मंच कई प्रोजेक्ट पर काम कर चुका है.
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