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चीन के BRI, मार्केट पॉलिसी पर G-7 बैठक के बाद क्या बोले बाइडेन?

बैठक के बाद प्रेसिडेंट बाइडेन ने कहा कि अमेरिका, चीन से सीधे तौर पर डील करता दिखेगा.

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G-7 देशों की बैठक के एजेंडे में रविवार को चीन ही रहा. इस ग्रुप के देशों ने चीन के शिनजियांग में मानवाधिकारों की रक्षा को लेकर आह्वान की बात कही. चीन पर ये आरोप लगते रहे हैं कि शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकार का उल्लंघन होता रहा है. शिनजियांग और हांगकांग में मानवाधिकार के मुद्दे पर G-7 के देशों में चर्चा हुई. इसी के साथ अमेरिका, जर्मनी समेत सात बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड (B3W) इनिशिएटिव लॉन्च किया. इसके जरिए G7 गरीब अर्थव्यवस्थाओं को इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश देने की योजना में है.

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बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ग्रुप के सभी देश शिनजियांग और हांगकांग में मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ आह्वान करने, चीन की नॉन-मार्केट पॉलिसी से डील करने के लिए कॉमन पॉलिसी लाने और सोलर एग्रीकल्चर, गारमेंट इंडस्ट्री में जबरन मजदूरी के खिलाफ गंभीर कार्रवाई पर नीति बनाने पर सहमत हैं.

हम विवाद नहीं चाहते- बाइडेन

जब से अमेरिका में बाइडेन प्रशासन आया है. इस बार में कई एक्सपर्ट राय जाहिर करते आए हैं कि डोनाल्ड ट्रंप से अलग बाइडेन किस तरह से चीन की नीतियों से निपटेंगे और दुनिया के दूसरे देशों को साथ लेकर चलेंगे. बैठक के बाद प्रेसिडेंट बाइडेन ने इन्हीं नीतियों के बारे में इशारा करते हुए कहा कि अमेरिका, चीन से सीधे तौर पर डील करता दिखेगा. उन्होंने ये भी बताया कि वो खुद, शी जिनपिंग को कह चुके हैं कि अमेरिका कोई विवाद नहीं चाहता है.

जहां हम सहयोग करते हैं, हम करते रहेंगे. जहां हम असहमत हैं, हम सीधा बोलेंगे और हम किसी भी तरह की असंगत कार्रवाई का जवाब देंगे.
जो बाइडेन, राष्ट्रपति, अमेरिका

चीन के BRI का G7 के पास क्या आप्शन है?

अमेरिकी राष्ट्रपति ने ये भी बताया कि G-7 के देश चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के विकल्प को लॉन्च करने पर सहमत हो गए हैं. उन्होंने कहा कि संगठन के सारे देश इसे लेकर प्रतिबद्ध हैं.BRI चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की विदेश और आर्थिक नीति का सबसे महत्वकांक्षी और अहम प्रोजेक्ट है. इसका लक्ष्य चीन के पड़ोसी क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने में मदद के जरिए बीजिंग का आर्थिक नेतृत्व मजबूत करना है. BRI जिनपिंग का मल्टी-ट्रिलियन डॉलर का प्रोजेक्ट है. अब इसके विकल्प के तौर पर अमेरिका, जर्मनी समेत सात बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड (B3W) इनिशिएटिव लॉन्च किया.

G7 और खासकर अमेरिका पिछले कई सालों से BRI की काट ढूंढ रहे हैं. कुछ सालों में चीन की आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार आया है और वो बड़ी आर्थिक शक्ति बनकर उभरा है.

क्या है G-7 की योजना?

व्हाइट हाउस ने अपने बयान में कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और दूसरे G7 नेताओं को उम्मीद है कि बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड (B3W) इनिशिएटिव 2035 तक विकासशील देशों को पड़ने वाली 40 ट्रिलियन डॉलर की मदद के लिए पारदर्शी इंफ्रास्ट्रक्चर पार्टनरशिप का मौका होगा." रॉयटर्स से बाइडेन प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि ये ‘सिर्फ चीन को पछाड़ने के लिए नहीं है.’ अमेरिका ने कहा है कि G7 में सहमति बनी है कि व्यापार और मानवाधिकार को लेकर चीन पर एक साझे रवैये की जरूरत है.

G7 अपने इनिशिएटिव को क्लाइमेट, हेल्थ, हेल्थ सिक्योरिटी, डिजिटल टेक्नोलॉजी और लिंग समानता के क्षेत्रों में प्राइवेट-सेक्टर कैपिटल मोबिलाइज करने के लिए इस्तेमाल करेगा

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