एक ऑस्ट्रेलियाई संस्था ने भगवान गणेश से जुड़े एक विवादित ऐड के खिलाफ की गई शिकायत खारिज कर दी है. ऐड पर नजर रखने वाली इस संस्था ने उस पर बैन लगाने से इनकार कर दिया है. ऐड के खिलाफ हिंदू संगठनों ने शिकायत दर्ज कराई थी.
इस ऐड में एक डिनर टेबल पर मेमने का मांस रखा हुआ है और इसके ईद-गिर्द गणेश के साथ कई दूसरे देवताओं और पैगंबरों को बैठे दिखाया गया है.
ऑस्ट्रेलिया और कई देशों के हिंदू संगठनों की शिकायत के बावजूद एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड्स ब्यूरो (एएसबी) बोर्ड ने कहा कि ये ऐड मिली-जुली संस्कृतियों को दिखाता है.
मीट एंड लाइवस्टॉक ऑस्ट्रेलिया (एमएलए) की ओर से बनाए गए इस ऐड में भगवान गणेश को जिस तरीके से दिखाया गया है, उसे लेकर विवाद हो गया है.
एएसबी बोर्ड ने कहा है कि इस ऐड में किसी भी कैरेक्टर को कम महत्व वाला नहीं दिखाया गया है और न ही इसे खराब ढंग से प्रेजेंट किया गया है. इसका मकसद किसी कैरेक्टर को नीचा दिखाना, उसका मजाक बनाना या उसके प्रति नफरत फैलाने का नहीं है.
अपने बचाव में एमएलए ने बोर्ड से कहा है कि ऐड में धार्मिक विविधता दिखाई गई है और इसमें भेदभाव, पक्षपात या अपमान करने जैसे किसी चीज को बढ़ावा नहीं दिया गया है.
200 शिकायतें दर्ज
ऐड वापस लेने को लेकर 200 शिकायतें दर्ज की गई हैं. ऑस्ट्रेलिया की हिंदू काउंसिल ने ऐड को बैन करने की मांग की है.
ये एमएलए का बेहद निंदनीय काम है, जिसमें मेमने के मीट को बढ़ावा देने के लिए गणेश की तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है.हिंदू काउंसिल, ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया-इंडिया बिजनेस काउंसिल ने भी ऐड को लेकर चिंता जताई है. पिछले हफ्ते, भारतीय हाई कमीशन ने एक बयान जारी कर कहा था कि उसने ऑस्ट्रेलिया के विदेश और व्यापार मंत्रालय, संचार और कला मंत्रालय और कृषि मंत्रालय को इस असंवेदेनशील ऐड को लेकर डेमार्श भेजा है.
सिडनी में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने मामले पर सीधे मीट एंड लाइवस्टॉक ऑस्ट्रेलिया से बात की है और इसे वापस लेने की अपील की है.
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