बुधवार, 7 जुलाई को हैती (Haiti) के राष्ट्रपति जोवेनल मोइस (Jovenel Moise) की अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर हत्या कर दी. इस क्रूर घटना ने हैती समेत विश्व के तमाम देशों और क्षेत्रीय नेताओं को हैरान कर दिया. यह हत्या तब हुई जब मुश्किल से 1.1 करोड़ आबादी वाला यह कैरेबियाई देश राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ती हिंसा से जूझ रहा है. हमले के समय राष्ट्रपति की पत्नी को भी गोली लगी थी लेकिन उनकी जान बच गई.
हालांकि जोवेनल मोइस ने 5 जुलाई को ही नये प्रधानमंत्री के रूप में न्यूरोसर्जन एरियल हेनरी को चुना था.लेकिन मोइस की हत्या के बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री क्लॉड जोसेफ ने देश की बागडोर अपने हाथ में ले ली है. उन्होंने हैती में 15 दिनों के लिए "स्टेट ऑफ सीज़" की घोषणा कर दी है. इसका अर्थ है कि सभी बॉर्डर बंद कर दिए गए हैं और अस्थाई रूप से मार्शल लॉ लागू कर दिया है.इस स्थिति में मिलिट्री और हैती नेशनल पुलिस(HNP) को कानून लागू करने का अधिकार है.
हैती में राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा चरम पर
मोइस की हत्या तब हुई है जब हैती राजनीतिक अस्थिरता से गुजर रहा है. देश की सरकार में कई महत्वपूर्ण पद पहले से ही खाली हैं और संसद प्रभावी रूप से समाप्त हो गई है. हैती का विपक्ष लंबे समय से विरोध प्रदर्शन करते हुयें मोइस से इस्तीफे की मांग कर रहा था.
हैती की राजधानी पोर्ट-ऑ-प्रिंस में हाल के दिनों में आपराधिक हिंसक घटनाएं बढ़ गई हैं जिसमें पुलिस को टारगेट करते हुए हमला और नागरिक घरों में आगजनी शामिल है. इससे पहले जून में लोकल मीडिया के सामने कुख्यात पूर्व पुलिस अधिकारी जिमी चेरिज़ियर ने 'क्रांति' लाने की कसम खाई थी.
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक राजधानी पोर्ट-ऑ-प्रिंस से जून में 13,000 लोगों को अपना घर छोड़कर अस्थाई सेंटर की ओर जाना पड़ा. विरोधी गुटों और पुलिस के बीच राजधानी पर कंट्रोल को लेकर संघर्ष ने मानवीय संकट को और बढ़ा दिया है .लोगों को भोजन और ईंधन की आपूर्ति में किल्लत का सामना करना पड़ रहा है .इसके अलावा हैती कोविड-19 महामारी से भी जूझ रहा है. अखिल अमेरिकी स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर डॉ कैरिसा एटियेन ने पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वायरस से निपटने के लिए देश की तत्काल सहायता करने का अनुरोध किया था.
मोइस के राष्ट्रपति कार्यकाल पर विवाद
हैती के विपक्ष ने मोइस के इस साल राष्ट्रपति पद पर बने रहने के अधिकार पर सवाल उठाया था. मोइस के अनुसार उनका 5 साल का कार्यकाल 2022 में समाप्त होना था, जिसे अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी राज्यों के संगठन द्वारा समर्थन प्राप्त था.
लेकिन विपक्ष ने 7 फरवरी को तर्क दिया कि संवैधानिक प्रावधान के अनुसार राष्ट्रपति चुने जाने की बाद ही कार्यकाल शुरू हो जाता है ,ना कि पदभार ग्रहण करने के बाद से. इसके अलावा विपक्ष उन पर भ्रष्टाचार और असुरक्षा को पनपने देने का आरोप लगाता रहा है.
अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति बार-बार स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव कराने में विफल रहे थें. इस कारण हैती के अधिकांश गवर्निंग संस्थाएं खाली हैं.देश अब चुनाव और विवादास्पद संवैधानिक जनमत की ओर बढ़ रहा है .मोइस ने जनमत संग्रह का प्रयोग अपने राष्ट्रपति पद को मजबूत करने के लिए कई बार किया था.
हैती का इतिहास हिंसा से भरा रहा : 'इतिहास का टाइमलाइन'
1492- क्रिस्टोफर कोलंबस के आगमन के बाद स्पेन ने हिस्पैनियोला द्वीप को अपना उपनिवेश बना लिया. 200 साल बाद स्पेन ने आधे पश्चिमी भाग को फ्रांस को सौंप दिया.अफ्रीकी मूल के दासों से जबरन श्रम कराया गया और लाभ कमाया गया .
1801- टॉसेंट लॉवर्चर, पूर्व दास ने एक सफल विद्रोह का नेतृत्व किया और इस द्वीप पर दासता को समाप्त किया.1804 में हैती पूर्व दास Jean-Jacques Dessalines के नेतृत्व में आजाद.
1915- अमेरिका ने हैती पर आक्रमण किया. 1943 में वापस जाने के बावजूद वित्तीय नियंत्रण और राजनीतिक प्रभाव बनाए रखा.
1937-पड़ोसी डोमिनिकन रिपब्लिक से संघर्ष. तानाशाह Trujillo के आदेश पर डोमिनिकन सेना ने हजारों हैतियों को मार गिराया.
1957- Francois 'Papa Doc' Duvalier ने सेना की सहायता से देश पर शासन शुरू किया.
1967- Duvalier में खुद को जिंदगी भर के लिए राष्ट्रपति घोषित किया. 1971 में उसकी मृत्यु के बाद उसके बेटे, 'Baby Doc' ने सत्ता पर कब्जा किया. जनता पर अत्याचार बढ़ता गया.
1986- विद्रोह के बीच 'Baby Doc' को देश से भागना पड़ा. लेफ्टिनेंट जनरल Henri Namphy ने शासन संभाला .1988 में आंतरिक विद्रोह कर जनरल Prosper Avril ने सत्ता अपने कब्जे में की.
1990- दक्षिणपंथी Jean-Bertrand Aristide ने हैती के पहले फ्री इलेक्शन में जीत दर्ज की.हालांकि एक साल बाद ही हटा दिया गया.
1994- अमेरिकी सेना ने मिलिट्री राज हटा दिया.Aristide वापस राष्ट्रपति बनें. 1999 में विवादास्पद रिजल्ट के बाद वो दोबारा राष्ट्रपति बनें. 2004 में देश छोड़कर भागना पड़ा और हिंसा चरम पर पहुंच गई.
2017- केला के निर्यातक से राजनेता बनें जोवेनल मोइस 2016 राष्ट्रपति चुनाव के विजेता घोषित.
2019- मोइस बार-बार स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव कराने से चुके.
2021- 'तानाशाही नहीं चलेगी' के नारे के साथ हजारों लोगों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करना शुरू किया. 7 जुलाई 2021 को अज्ञात हमलावरों ने उनकी हत्या कर दी.
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