ADVERTISEMENTREMOVE AD

Imran Khan को इस्लामाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत, 17 मई तक गिरफ्तारी पर रोक

Imran Khan: अदालत ने यह भी कहा कि वह तय करेगी कि अगली सुनवाई में इमरान की जमानत रद्द की जाए या बढ़ाई जाए.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

Al-Qadir Trust case: इस्लामाबाद हाई कोर्ट (IHC) की एक बेंच ने शुक्रवार, 12 मई को पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में दो हफ्ते की जमानत दे दी है. एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने IHC परिसर से उनकी गिरफ्तारी को "अवैध और गैरकानूनी" करार दिया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब और न्यायमूर्ति समन रफत इम्तियाज की बेंच ने पीटीआई प्रमुख की जमानत याचिका पर कोर्ट नंबर 2 में सुनवाई की. मामले में विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है लेकिन जहां तक अल-कादिर ट्रस्ट मामले का संबंध है, इमरान जाने के लिए आजाद हैं.

अदालत ने 9 मई के बाद इस्लामाबाद के अधिकार क्षेत्र में पीटीआई प्रमुख के खिलाफ दर्ज किसी भी मामले में अधिकारियों को उन्हें 17 मई तक गिरफ्तार करने से रोक दिया है.

सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति औरंगजेब ने इमरान से पूछा कि क्या वह उनकी गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा की निंदा करते हैं, जिस पर इमरान खान के वकील ने हां में जवाब दिया. इसके बाद न्यायाधीश ने पूर्व प्रधान मंत्री से कहा कि वे अदालत में एक घोषणा पत्र प्रस्तुत करें.

डॉनन्यूज टीवी की खबर के मुताबिक इमरान खान के वकीलों ने चार अतिरिक्त याचिकाएं भी दायर की थीं, जिसमें आईएचसी (IHC) से इमरान के खिलाफ सभी मामलों को जोड़ने और अधिकारियों को उनके खिलाफ दर्ज मामलों का विवरण प्रदान करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था.

इमरान खान अपनी कानूनी टीम के साथ अदालत कक्ष में मौजूद थे और उनके वकील ख्वाजा हारिस ने अपनी दलीलें पेश कीं.

हारिस ने अदालत के सामने तर्क दिया कि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) की कार्रवाई अवैध थी. उन्होंने कहा कि NAB औपचारिक रूप से एक जांच में बदल जाने के बाद ही गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकता है.

उन्होंने कहा कि पीटीआई को औपचारिक रूप से मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से पता चला था कि एनएबी ने इमरान के खिलाफ जांच शुरू कर दी है.

उन्होंने यह भी कहा कि पीटीआई प्रमुख ने जांच में एनएबी रिपोर्ट की मांग करते हुए 9 मई को आईएचसी का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन अदालत कक्ष में प्रवेश करने से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

सुनवाई के दौरान एक बिंदु पर, अदालत ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या उसे मामले के संबंध में एक प्रश्नावली प्रदान की गई है, जिसका जवाब हारिस ने ना में दिया.

उन्होंने कहा कि इमरान को एक कॉल-अप नोटिस जारी किया गया था, जिसके लिए वह मौजूद नहीं हुए, बल्कि लिखित जवाब दिया. हारिस ने आगे कहा कि जवाबदेही प्रहरी फिलहाल "पक्षपातपूर्ण" था.
0

इसके बाद अदालत ने इमरान की जमानत याचिका स्वीकार कर ली और एनएबी के अभियोजक जनरल और इमरान के वकीलों को अगली सुनवाई के लिए तैयार रहने का भी निर्देश दिया.

अदालत ने यह भी कहा कि वह तय करेगी कि अगली सुनवाई में इमरान की जमानत रद्द की जाए या बढ़ाई जाए.

अलग से, IHC के न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी ने इमरान खान को ज़िल्ले शाह की मौत से संबंधित एक मामले में सुरक्षात्मक जमानत दी है.

जिल्ले शाह एक पीटीआई कार्यकर्ता थे जो इस साल की शुरुआत में लाहौर में एक पार्टी की रैली के दौरान मारे गए थे. इस मामले में इमरान खान को 50,000 रुपये के जमानत बांड के खिलाफ 10 दिनों के लिए जमानत दी गई है.

पीटीआई प्रमुख द्वारा दायर अन्य जमानत याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है.

(न्यूज इनपुट्स- डॉन न्यूज)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×