पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ना सिर्फ भारत के साथ युद्ध की आशंका जताई है, बल्कि युद्ध होने की सूरत में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की भी बात कही है. दरअसल न्यूज चैनल अल जजीरा ने जब उनसे पूछा कि क्या भारत और पाकिस्तान एक और बड़े टकराव या युद्ध की तरफ जा रहे हैं तो इमरान ने कहा कि वह पूरी तरह मानते हैं कि भारत के साथ युद्ध एक आशंका हो सकती है.
परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर पाकिस्तान की मौजूदा नीति से जुड़े सवाल के जवाब में इमरान ने कहा, "पाकिस्तान कभी भी परमाणु युद्ध शुरू नहीं करेगा. मैं शांतिवादी हूं, मैं युद्ध विरोधी हूं. मेरा मानना है कि युद्ध से समस्याओं का समाधान नहीं होता. युद्ध के अनपेक्षित नतीजे होते हैं. वियतनाम, इराक के युद्ध को देखें, इन युद्धों से दूसरी समस्याएं पैदा हुईं जो शायद उस कारण से ज्यादा गंभीर हैं जिसे लेकर ये युद्ध शुरू किए गए थे." इमरान ने आगे कहा
“जब दो परमाणु सशस्त्र देश एक पारंपरिक युद्ध लड़ते हैं, तो इसके परमाणु युद्ध में बदलने की आशंका होती है.’’इमरान खान, प्रधानमंत्री, पाकिस्तान
इसके आगे उन्होंने कहा, ''अगर पाकिस्तान की बात की जाए, अल्लाह ना करे, हम पारंपरिक युद्ध लड़ रहे हों, हम हार रहे हों और अगर एक देश (दो) विकल्पों के बीच फंसा हो- या तो आपको सरेंडर करना है या फिर अपनी आजादी के लिए आखिरी दम तक लड़ना है, मैं जानता हूं कि पाकिस्तानी अपनी आजादी के लिए आखिरी दम तक लड़ेंगे. इसलिए जब एक परमाणु सशस्त्र देश आखिरी दम तक लड़ता है, तो इसके गंभीर नतीजे होते हैं.''
इमरान ने कहा, "यही कारण है कि हमने संयुक्त राष्ट्र से संपर्क किया है और हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जा रहे हैं ताकि वे अभी कदम उठाएं क्योंकि यह (कश्मीर मुद्दा) एक संभावित आपदा है जो भारतीय उपमहाद्वीप से आगे जाएगी."
भारत के साथ बातचीत को लेकर इमरान ने कहा, ''हमने पाया कि जब हम बातचीत की कोशिश कर रहे थे, वे हमें FATF से ब्लैकलिस्ट कराने की कोशिश कर रहे थे...अगर पाकिस्तान FATF से ब्लैकलिस्ट होता है तो इसका मतलब होगा कि पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगेंगे. ऐसे में वे हमारी अर्थव्यवस्था को तबाह करने की कोशिश कर रहे थे, इसलिए हम पीछे हट गए.''
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