कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने 18 सितंबर को कथित तौर पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के जिम्मेदार होने का आरोप लगाया था. इस आरोप के बाद दोनों देशों (India Canada Relations) के बीच तनाव हद से ज्यादा बढ़ गया. जहां एक ओर कनाडा ने भारतीय राजनयिक पवन कुमार को निष्कासित कर दिया. वहीं इसके जवाब में भारत ने भी 19 सितंबर को कनाडा के राजनयिक को निष्कासित करने का फैसला किया. इस पूरे विवाद पर कनाडाई मीडिया का क्या रूख रहा, आइए जानते हैं.
कनाडा की प्रमुख वेबसाइट्स में से एक cbc.ca ने इंटरनेशनल लॉ के हनन पर केंद्रित एक रिपोर्ट प्रकाशित की. इस रिपोर्ट में कहा गया है, 'यदि भारत सरकार ने निज्जर की हत्या में भूमिका निभाई, तो यह कनाडा की संप्रभुता का उल्लंघन होगा.'
रिपोर्ट में कार्लटन यूनिवर्सिटी के नॉर्मन पैटर्सन स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स में अंतरराष्ट्रीय मामलों की एसोसिएट प्रोफेसर लीह वेस्ट कहती हैं, 'इसमें कोई सवाल नहीं है कि यह गैरकानूनी आचरण है. ये गैरकानूनी है और कनाडा की संप्रभुता का उल्लंघन है. ये कनाडा के अंदर राज्य की शक्ति की एक गैरकानूनी प्रैक्टिस है.'
वेबसाइट cbc.ca ने एक्सपर्ट्स के हवाले से लिखा है कि कनाडा आगे ISJ यानी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस की शरण में भी जा सकता है. इन आरोपों पर भारत की ओर से अपेक्षित कार्रवाई नहीं होने पर कनाडा सरकार, भारत के साथ किए गए समझौते तोड़ भी सकती है और भविष्य में ट्रूडो सरकार के रहते ये संबंध और खराब हो सकते हैं.
भारत को 'उकसाने' की कोशिश नहीं कर रहा- पीएम ट्रूडो
द स्टार डॉट कॉम (thestar.com) ने निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा की ओर से भारत पर लगाए गए आरोपों के पक्ष में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान पर आधारित एक रिपोर्ट छापी है. इस रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंंत्री ट्रूडो ने कहा है कि कनाडा इन आरोपों से भारत को 'उकसाने' की कोशिश नहीं कर रहा.
वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में कनाडा में भारतीय डिप्लोमैट के निष्कासन के बाद भारत की ओर से कनाडियन डिप्लोमैट के निष्कासन की कार्रवाई को 'टिट फॉर टैट' यानी 'जैसे को तैसा' वाली कार्रवाई बताया है.
कनाडाई सरकार ने भारत के साथ राजनयिक रिश्तों के बिगड़ने की बात को खारिज किया
कनाडा की प्रमुख मीडिया में से एक 'द ग्लोब एंड मेल' की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडाई सरकार ने भारत के साथ राजनयिक रिश्तों के बिगड़ने की बात को खारिज किया है. हालांकि ये भी कहा है कि कनाडा की संप्रभुता के उल्लंघन का जवाब देने पर विचार किया जाएगा.
द ग्लोब ने लिखा है कि निज्जर की हत्या के चलते दोनों देशों के रिश्तों में पहले से ही कड़वाहट आ गई थी. इसने लिखा है कि G20 समिट के इतर ट्रूडो और मोदी के बीच बातचीत के दौरान भी ये मुद्दा उठाया गया था. बाद में भारतीय PMO ने सार्वजनिक तरीके से कनाडा में कथित रूप से भारत विरोधी अलगाववादी गतिविधियों की आलोचना की थी. उधर, ट्रूडो ने भी मीडिया को बताया था कि उन्होंने कनाडा की राजनीति में विदेशी हस्तक्षेप का मुद्दा उठाया था.
दोनों देशों के बीच संबंध पहले से और ज्यादा खराब
कनाडा के अखबार 'द टोरंटो सन' में प्रकाशित एक लेख में दोनों देशों के बीच संबंध पहले से और ज्यादा खराब होने की बात कही गई है. इस लेख में प्रधानमंत्री बनने के बाद साल 2018 में ट्रूडो की पहली भारत यात्रा को पूरी तरह से एक डिजास्टर बताया गया है, जिस यात्रा में 'भारतीय कैबिनेट मंत्री की हत्या की साजिश में दोषी करार दिए एक आतंकी' को अपने साथ डिनर के लिए आमंत्रित करना भी शामिल था.
लेख के अनुसार, इस बार G20 समिट में ट्रूडो दिल्ली गए और भारत के साथ संबंधों को और भी खराब कर दिया. साथ ही कनाडा को उसके प्रमुख सहयोगियों से भी दूर किया है.
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