नए साल पर 2020 की पहली तारीख को पूरी दुनिया में 386,000 बच्चों ने जन्म लिया. इसमें भारत का स्थान पहला है, जहां एक जनवरी को 67,385 बच्चे पैदा हुए. इसके बाद चीन का स्थान है जहां 44,760 बच्चों ने जन्म लिया.
“एक नए साल की शुरुआत और एक नया दशक हमारे भविष्य के लिए न केवल हमारी आशाओं और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करने का एक अवसर है, बल्कि उन लोगों का भविष्य भी है जो हमारे बाद आएंगे,”हेनरिटा फोर ,यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक
1 जनवरी को जन्मे बच्चों को शुभ मानकर यूनिसेफ हर साल इस दिन को सेलिब्रेट करता है.यूनिसेफ ने उस बच्चे की भी जानकारी दी है, जो नए साल पर दुनिया में सबसे पहले पैदा हुआ. यह बच्चा फिजी का है जिसका जन्म 12.10 बजे हुआ.
यूनिसेफ के मुताबिक इन 8 देशों में दुनिया के लगभग आधे बच्चों का जन्म होता है.
- भारत - 67,385
- चीन - 46,299
- नाइजीरिया - 26,039
- पाकिस्तान - 16,787
- इंडोनेशिया - 13,020
- संयुक्त राज्य अमेरिका - 10,452
- कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य - 10,247
- इथियोपिया - 8,493
दुनिया में ऐसे लाखों बच्चे है जिनके लिए ये दिन शुभ नहीं है. 2018 में, जन्म के पहले महीने में 2.5 मिलियन नवजात शिशुओं की मृत्यु हो गई.जिसमे से एक तिहाई की मौत जन्म के पहले दिन हुई
जन्म का पहला दिन मां और बच्चे के लिए जोखिम भरा : यूनिसेफ
भारत के बारे में यूनिसेफ ने कहा है, यहां 69 हजार बच्चे हर दिन पैदा होते हैं. जन्म का पहला दिन मां और बच्चे दोनों के लिए जोखिम भरा होता है, क्योंकि इसी दिन आधी मृत्यु दर दर्ज की जाती है जबकि 40 फीसदी बच्चों की मौत जन्म के दिन ही हो जाती है. भारत में हर साल लगभग 50 लाख बच्चों का जन्म घर में ही होता है. बच्चों की मौत रोकने के लिए जरूरी है माताओं को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएं.
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