अमेरिका में भारतीय मूल के एक अटॉर्नी ने अमेरिकी सांसदों से मांग की है कि वो कश्मीर में जमीनी हालात के बारे में जानने के लिए फैक्ट फाइंडिंग टीम बनाएं. ये मांग न्यूयॉर्क में बसे रवि बत्रा ने की है. रवि बत्रा एडवोकेट हैं और अमेरिकी प्रशासन में उनकी अच्छी-खासी पैठ है. बता द9ें कि मंगलवार को यूरोपियन यूनियन के 23 सांसद भी कश्मीर में हालातों का जायजा लेने के लिए दो दिन के दौरे पर पहुंचे थे.
केंद्र की एनडीए सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विवादित आर्टिकल 370 को हटा दिया था. इसके बाद कश्मीर मामले में अंतरराष्ट्रीयसमुदाय की भी रुचि बढ़ गई है.
रवि बत्रा ने सांसदों से मांग की है कि कश्मीर के लिए ‘‘द्वि-दलीय कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग मिशन’’ की तैयारी की जाए.
इस फैक्ट फाइंडिंग टीम में उन लोगों को शामिल किया जाना चाहिए जो ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ वहां के बारे में बता सकें. क्योंकि वही सब अमेरिका में आने के बाद हरेक सांसद को इस बात के लिए आश्वस्त करेंगे. साथ ही सभी प्रतिबंधों को जल्द हटाने में मदद करेंगे.रवि बत्रा
आर्टिकल 370 के हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए थे. कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए मोबाइल फोन और इंटरनेट पर भी प्रतिबंध लगाए गए थे, जिसे बाद में अलग-अलग मौकों पर कम किया गया.
बत्रा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, 9/11के बाद से दुनिया में आतंक को खत्म करने में अमेरिका नंबर 1 रहा है. इसलिए आतंक से निपटारे के लिए हमें मानवाधिकारों को प्राथमिकता देनी होगी और इससे हमारा एक ही मकसद होगा आतंक मुक्त दुनिया.
(इनपुट PTI)
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