अरब सागर (Arabian Sea) में माल्टा का एक जहाज MV रूएन हाईजैक कर लिया गया. इसके बाद भारतीय नौसेना (Indian Navy) इसका रेस्क्यू करने सागर में पहुंच गई. हाईजैक की जानकारी जब भारतीय नौसेना को मिली तो आनन-फानन में नेवी की तरफ से एक युद्धपोत और समुद्री गश्ती विमान मदद के लिए भेजा गया.
भारतीय नौसेना जहाज के अपहरण की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है, जो अब सोमालिया के समुद्र तट की ओर जा रहा है. भारतीय युद्धपोत ने अरब सागर में मालवाहक मालवाहक एमवी रुएन, एक माल्टीज जहाज से एक संकट कॉल का जवाब दिया.
भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा कि एमवी रूएन का पता लगाने और उसकी सहायता के लिए इलाके में एंटी पाइरेसी गश्त पर है. स्थिति पर तेजी से प्रतिक्रिया करते हुए, भारतीय नौसेना ने अपने नौसेना समुद्री गश्ती विमान को निगरानी में ले लिया.
बयान में कहा गया है कि
भारतीय नौसेना इस क्षेत्र में पहली प्रतिक्रिया देने वाली कंपनी बनने और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों और मित्र देशों के साथ मिलकर व्यापारिक जहाजरानी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
जहाज एमवी रूएन सोमालिया की ओर जा रहा था, जब गुरुवार को उस पर हमला हुआ. यूके के समुद्री व्यापार संचालन ने कहा कि चालक दल ने जहाज पर नियंत्रण खो दिया है.
हाईजैक की गई जहाज की घटना को 2017 के बाद से सोमाली समुद्री डाकुओं द्वारा किए गए पहले बड़े हमले के रूप में देखा जा रहा है. कई देशों द्वारा समुद्री डकैती विरोधी कोशिशों के बाद अदन की खाड़ी और हिंद महासागर में इस तरह की बरामदगी रोक दी गई है.
यूके मरीन कॉर्प्स ने सोमालिया के पास अरब सागर में यात्रा करते समय जहाजों को अलर्ट पर रहने की सलाह दी है क्योंकि क्षेत्र में एक समुद्री डाकू ग्रुप सक्रिय है.
चेतावनी में कहा गया है कि जहाजों को सावधानी से आने-जाने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने की सलाह दी जाती है.
Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक सोमालिया के अलग हुए पुंटलैंड क्षेत्र में बीते दिनों में जहाजों पर छापे का आयोजन करने में मदद करने वाले एक समूह के एक सदस्य ने बताया कि उसने सुना था कि समुद्री डाकू एक जहाज को जब्त करने में कामयाब रहे थे.
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