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कनाडा में मस्जिद के बाहर धमकी देने के आरोप में भारतीय मूल का व्यक्ति गिरफ्तार

आरोपी शरण करुणाकरन पर हथियार से हमला करने, धमकी देने और खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाने का आरोप

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टोरंटो में 28 साल के एक भारतीय युवक को ओंटारियो प्रांत की एक मस्जिद में 'नफरत से प्रेरित घटना' के संबंध में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि शख्स ने एक नमाजी को कार से कुचलने की कोशिश की. इस दौरान आरोपी ने धमकियां दीं और धार्मिक अपशब्द कहे.

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यॉर्क क्षेत्रीय पुलिस के एक बयान के अनुसार, अधिकारियों ने 6 अप्रैल को सुबह 6:55 बजे, मार्खम के ग्रेटर टोरंटो एरिया शहर में "मस्जिद में हिंसा" से संबंधित एक फोन कॉल का जवाब दिया.

घटना स्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक संदिग्ध युवक ने कार पर सवार होकर कार को वहां मौजूद नमाजियों में से एक नमाजी की ऊपर कार चढ़ाने की कोशिश की और धमकियां और धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की. इसके बाद आरोपी ने पार्किंग में कार को खतरनाक तरीके से दौड़ाया.

मार्खम की इस्लामिक सोसाइटी ने कहा कि एक व्यक्ति ने टोरंटो से लगभग 30 किलोमीटर उत्तर में मार्खम में मस्जिद में प्रवेश किया, कुरान को फाड़ दिया और उपासकों पर चिल्लाया. हालांकि, वाईआरपी ने कुरान को फाड़े जाने का जिक्र नहीं किया

आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी का वांरट जारी किया गया था, जिसकी पहचान भारतीय मूल के करुणाकरण नाम के व्यक्ति के रुप की गई थी, जिसे YRP द्वारा 7 अप्रैल की आधी रात को गिरफ्तार कर लिया.

आरोपी पर हथियार से हमला करने, धमकी देने और खतरनाक ड्राइविंग का आरोप लगाया गया था और उसे जमानत की सुनवाई के लिए रखा गया था. करुणाकरन की अगली सुनवाई 1 अप्रैल को न्यूमार्केट शहर के सुपीरियर कोर्ट ऑफ जस्टिस में होगी. इसके अलावा, जांचकर्ताओं ने भी चिंता व्यक्त की और कहा कि "अन्य पीड़ित भी हो सकते हैं," उन्हें "आगे आने" के लिए प्रोत्साहित किया जाए.

कनाडा के आवास और विविधता और समावेशन मंत्री अहमद हुसैन ने रविवार को एक बयान में कहा, "रमजान के पवित्र महीने के दौरान" हमले से उन्हें "गहरा दुख" हुआ. “इस्लामोफोबिया से प्रेरित हमलों का बढ़ना बहुत ही चिंताजनक है और हमें इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए. हम नफरत को जीतने नहीं देंगे.”

कनाडा के व्यापार मंत्री मैरी एनजी ने इस घटना की निंदा की, इसे घृणा अपराध कहा और कहा कि कनाडा के समाज में इस तरह के कृत्यों का कोई स्थान नहीं है.

मैरी ने कहा, इस हिंसा और इस्लामोफोबिया का हमारे समुदायों में कोई स्थान नहीं है.

कनाडाई मुसलमानों की राष्ट्रीय परिषद ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा कि वह इस घटना से "काफी दुखी" हैं.

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