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'मीडिया रिपोर्ट झूठी': US में गिरफ्तार भारतीय मूल के 17 लोग खालिस्तानी नहीं हैं

Exclusive| द क्विंट ने सटर काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी जेनिफर डुप्रे से बात की, जिन्होंने अहम सवालों के जवाब दिए.

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अमेरिका (America) के कैलिफोर्निया (California ) में 17 अप्रैल को भारतीय मूल के 17 लोगों को सिलसिलेवार हिंसक घटनाओं के मामले में गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि इस तरह की पहली घटना 2018 में हुई थी. वहीं 26 मार्च 2023 को सैक्रामेंटो में एक गुरुद्वारे के पास नया मामला सामने आया था.

उत्तरी कैलिफोर्निया में कई एजेंसियों ने इन मामलों की जांच की थी, और इसे 'ऑपरेशन ब्रोकन स्वॉर्ड' नाम दिया गया था. इस ऑपरेशन के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमारी विस्तृत रिपोर्ट यहां पढ़ें.

चूंकि गिरफ्तार किए गए अधिकांश लोग सिख हैं, कई भारतीय समाचार चैनलों और पत्रकारों ने दावा किया कि वे खालिस्तानी हैं.

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News18 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गिरफ्तार किए गए लोग 'पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी ग्रुप के खतरनाक बिजनेस मॉडल' का हिस्सा थे.

फर्स्टपोस्ट की पालकी शर्मा ने अपने कार्यक्रम 'वांटेज' में गिरफ्तारियों पर ध्यान केंद्रित किया और पश्चिमी देशों को चेतावनी दी, "खालिस्तानी समस्या को नजरअंदाज न करें क्योंकि आज उनका ध्यान भारत को परेशान करने पर है लेकिन कल आप भी शिकार हो सकते हैं."

दक्षिणपंथी वेबसाइट ऑपइंडिया ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से दो 'खालिस्तानी भारत में अपराधों के लिए वांछित' हैं.

यूट्यूबर प्रियंका देव जैन ने लिखा, "निस्संदेह, कैलिफोर्निया में 17 खालिस्तानी आतंकवादियों की गिरफ्तारी बहुत अच्छी बात है, लेकिन यह हिंसा की कई घटनाओं के बाद हुआ, जिसमें 2 सामूहिक गोलीबारी भी शामिल है. यह दर्शता है कि एक झूठे, भारत-विरोधी नैरेटिव को आगे बढ़ाने के लिए पश्चिमी देश कट्टरता को नजरअंदाज कर देते हैं."

इन आरोपों की सच्चाई का पता लगाने के लिए, द क्विंट ने कई एजेंसियों से संपर्क किया जो 'ऑपरेशन ब्रोकन स्वॉर्ड' में शामिल थीं. जैसे- सटर काउंटी के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी, सैक्रामेंटो के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी और युबा सिटी के पुलिस प्रमुख.

हमें सटर काउंटी की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी जेनिफर डुप्रे से एक स्पष्ट प्रतिक्रिया मिली, जिन्होंने पूरी जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

डिस्ट्रिक्ट अटार्नी जेनिफर डुप्रे ने क्या कहा?

द क्विंट को एक ईमेल के जवाब में, सटर काउंटी की डीए जेनिफर डुप्रे ने (जोर देकर) कहा, "ये लोग और उनका समूह, खालिस्तान आंदोलन से जुड़े नहीं हैं और खालिस्तानी विचारधारा का पालन नहीं करते हैं."

भारतीय समाचार रिपोर्ट्स जिनमें आरोप लगाया गया है कि गिरफ्तार किए गए लोग खालिस्तान समर्थक हैं, इस बारे में पूछे जाने पर डुप्रे ने कहा कि,

"ऐसी कोई भी रिपोर्ट केवल अनुमान हैं और किसी भी तरह से हमारे मामले के तथ्यों पर आधारित नहीं है."

17 अप्रैल को प्रेस कॉन्फ्रेंस में डुप्रे ने कहा था कि बढ़ती हिंसा के लिए दो आपराधिक सिंडिकेट - मिंटा ग्रुप और एके -47 ग्रुप जिम्मेदार हैं. अलग होने से पहले ये दोनों ग्रुप एक ही समूह का हिस्सा थे.

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि दो गैंगस्टर भारत में अपराधों के लिए वांछित हैं. ये हैं- पवित्र सिंह और हुसैनदीप सिंह. इनके बारे में आप हमारी इस रिपोर्ट में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

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