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अमेरिका में जासूसी बैलून पर घमासान, 4 को मार गिराया, अब रडार पर चीन का मूवमेंट?

US-China Spy Balloon Standoff: अमेरिका ने 8 दिन में 4 उड़ती 'वस्तुओं' को मार गिराया, इसमें एक चीनी बैलून भी शामिल

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US-China Spy Balloon Standoff Explained: अमेरिका में आजकल उसका आसमान सुर्खियां बटोर रहा है. अमेरिकी सेना ने पिछले तीन दिनों में उत्तर अमेरिकी हवाई क्षेत्र के ऊपर उड़ने वाली तीसरी 'वस्तु' को मार गिराया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार, 12 फरवरी को मिशिगन में बहुत ऊंचाई पर उड़ रही 'अज्ञात वस्तु', जिसका आकर ऑक्टागोनल/आठ कोनों वाला था, को मार गिराने का आदेश दिया. अगर साउथ कैरोलिना के ऊपर मंडरा रहे चीनी 'जासूसी बैलून' को गिने तो अमेरिका ने 8 दिन के अंदर चौथी वस्तु को नीचे मार गिराया है.

तो सवाल है कि अचानक अमेरिकी आसमान में इतनी सरगर्मी क्यों बढ़ गयी है? अमेरिका ने जिन्हें मार गिराया है वे 3 'अज्ञात वस्तुएं' क्या हैं? आपको ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब इस एक्सप्लेनर में देने की कोशिश करते हैं.

अमेरिका में जासूसी बैलून पर घमासान, 4 को मार गिराया, अब रडार पर चीन का मूवमेंट?

  1. 1. अबतक क्या हुआ है?

    4 फरवरी: यह पूरी कहानी जनवरी के आखिरी दिनों में शुरू हुई जब एक विशाल चीनी बैलून अमेरिकी आसमान में कई दिनों तक फिरता रहा. जब इसकी तस्वीरें और खबर फैलीं तो अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया कि यह सर्विलांस बैलून है, जिससे चीन जसूसी कर रहा है. हालांकि चीन का दावा था कि यह बैलून मौसम विभाग का था और यह रिसर्च के उद्देश्य से था. आखिरकार कैरोलिना तट के ऊपर 4 फरवरी को अमेरिकी F-22 फाइटर जेट ने इसे मार गिराया.

    10 फरवरी: फिर शुक्रवार 10 फरवरी को, अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने उत्तरी अलास्का के ऊपर एक अन्य वस्तु को मार गिराया. अमेरिकी सेना ने कहा, यह "अमेरिकी के संप्रभु हवाई क्षेत्र के भीतर" था.

    11 फरवरी: शनिवार को, अमेरिका और कनाडा ने मिलकर कनाडा के केंद्रीय युकोन क्षेत्र में अमेरिकी सीमा से लगभग 100 मील (160 किमी) की दूरी पर उड़ रही वस्तु को गिरा दिया. कनाडा (Canada) के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने ट्वीट में बताया कि कनाडाई और अमेरिकी, दोनों देश के विमानों को उस वस्तु का पता लगाने के लिए पीछा करना पड़ा और आखिर में उसे एक अमेरिकी F-22 फाइटर जेट ने मार गिराया.

    12 फरवरी: अगले ही दिन रविवार को अमेरिकी जेट ने हूरोन झील के पास एक चौथी उच्च ऊंचाई वाली वस्तु को मार गिराया. बताया गया कि वह वस्तु अष्टकोणीय संरचना की थी, जिसके तार लटक रहे थे. अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने कहा कि इससे जमीन पर किसी भी चीज के लिए सैन्य खतरा नहीं था, लेकिन नागरिक उड़ानों के लिए इससे खतरा पैदा हो सकता था क्योंकि यह लगभग 20,000 फीट (6,000 मीटर) ऊपर उड़ रही थी.

    बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार एक सैन्य कमांडर ने कहा कि वह इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि य वस्तु किसी और ग्रह की हैं या नहीं (extra-terrestrials) हैं. हालांकि एक रक्षा अधिकारी ने बाद में न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि सेना को ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिसके आधार पर कहा जाए कि ये वस्तुएं किसी और ग्रह से आई हैं.

    मार गिराई गयीं आखिरी 3 'वस्तुएं' क्या थीं?

    अमेरिकी उत्तरी कमान के कमांडर जनरल ग्लेन वानहर्क ने कहा कि किसी खतरे का कोई संकेत नहीं है. उन्होंने कहा "मैं उन्हें गुब्बारे नहीं कहूंगा. हमारे पास इसकी वजह है कि हम उन्हें वस्तु/ऑब्जेक्ट कह रहे हैं... हमारे सामने बहुत छोटी वस्तुएं हैं जो बहुत कम रडार क्रॉस-सेक्शन प्रोड्यूस करती हैं. इसलिए अमेरिका को अपने रडार को एडजस्ट करना पड़ा ताकि वह धीमी गति वाली वस्तुओं को ट्रैक कर सके."

    अभी तक केवल पहली वस्तु- जासूसी बैलून को ही चीन से जोड़ा गया है.

    अमेरिकी हवाई क्षेत्र की सुरक्षा करने वाले अमेरिकी सैन्य कमांडर ने रविवार को कहा कि वह यह निर्धारित नहीं कर सके कि तीन दिनों में मार गिराई गई तीन वस्तुएं उतनी ऊंचाई पर कैसे उड़/तैर रहीं थी?

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  2. 2. अचानक इतनी 'वस्तुएं' अमेरिकी आसमान में कहां से आईं?

    अमेरिका का दावा है कि जासूसी बैलून एक "बेड़े/फ्लीट" का हिस्सा थे जिसने पांच महाद्वीपों में फैलाया गया है. द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह आने वाले वर्षों में ताइवान पर संभावित तीव्र चीनी दबाव से पहले विदेशी सैन्य क्षमताओं को टारगेट करने वाले चीनी जासूसी प्रयास की शुरुआत हो सकती है.

    दरअसल अमेरिका और कनाडा का खुफिया विभाग लगातार भारी मात्रा में उड़ने वाली चीजों का डेटा प्राप्त करता है, लेकिन आम तौर पर मिसाइलों के खतरे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कुछ ही वस्तुओं के डेटा को छांटकर उसकी जांच की जाती है, न कि गुब्बारे जैसी धीमी गति वाली वस्तुओं की.

    लेकिन अब सबकी बारीकी से जांच की जा रही है. हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के टॉप डेमोक्रेट जिम हिम्स ने एक न्यूज चैनल को बताया, "अब, जाहिर है, हम उन्हें ढूंढ रहे हैं. इसलिए मुझे लगता है कि हमें शायद अधिक वस्तुएं मिल रही हैं"

    अमेरिकी रक्षा विभाग- पेंटागन ने कहा है कि जासूसी बैलून की खोज के बाद से वह रडार की अधिक बारीकी से जांच कर रहा है.

    अधिकारियों के अनुसार अब मालूम चला है कि ऐसे तीन बैलून डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान और एक बाइडेन के कार्यकाल के दौरान भी अमेरिकी हवाई क्षेत्र में कुछ समय तक उड़ें थें हालांकि उस समय इसकी जानकारी नहीं थी.

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  3. 3. बैलून कांड से अमेरिका-चीन संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

    चीन गंभीर रूप से तनावपूर्ण संबंधों को स्थिर करने के उद्देश्य से अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन बीजिंग की यात्रा पर जाने वाले थे. हालांकि बैलून गिराने के बाद अमेरिका ने उनकी यह यात्रा रद्द कर दी. साथ ही उन छह चीनी संस्थानों पर प्रतिबंध लगा दिए जिनपर जासूसी बैलून प्रोग्राम के समर्थन का आरोप लगाया गया.

    बीजिंग ने बैलून को गिराए जाने की निंदा करते हुए कहा कि यह "अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास/प्रैक्टिस का गंभीर उल्लंघन है". उसने चेतावनी दी कि आगे अगर ऐसी ही स्थिती सामने आती है तो वह भी उससे निपटने के लिए आवश्यक साधनों का उपयोग करेगा. साथ ही चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका ने पिछले एक साल में 10 से ज्यादा बार उसके हवाई क्षेत्र में बैलून उड़ाए हैं. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक प्रेस ब्रीफ में कहा है कि चीन को बदनाम करने और उस पर आरोप लगाने के बजाय, अमेरिका को सबसे पहले एक साफ स्लेट के साथ शुरू करना चाहिए और खुद पर नजर डालनी चाहिए.

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अबतक क्या हुआ है?

4 फरवरी: यह पूरी कहानी जनवरी के आखिरी दिनों में शुरू हुई जब एक विशाल चीनी बैलून अमेरिकी आसमान में कई दिनों तक फिरता रहा. जब इसकी तस्वीरें और खबर फैलीं तो अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया कि यह सर्विलांस बैलून है, जिससे चीन जसूसी कर रहा है. हालांकि चीन का दावा था कि यह बैलून मौसम विभाग का था और यह रिसर्च के उद्देश्य से था. आखिरकार कैरोलिना तट के ऊपर 4 फरवरी को अमेरिकी F-22 फाइटर जेट ने इसे मार गिराया.

10 फरवरी: फिर शुक्रवार 10 फरवरी को, अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने उत्तरी अलास्का के ऊपर एक अन्य वस्तु को मार गिराया. अमेरिकी सेना ने कहा, यह "अमेरिकी के संप्रभु हवाई क्षेत्र के भीतर" था.

11 फरवरी: शनिवार को, अमेरिका और कनाडा ने मिलकर कनाडा के केंद्रीय युकोन क्षेत्र में अमेरिकी सीमा से लगभग 100 मील (160 किमी) की दूरी पर उड़ रही वस्तु को गिरा दिया. कनाडा (Canada) के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने ट्वीट में बताया कि कनाडाई और अमेरिकी, दोनों देश के विमानों को उस वस्तु का पता लगाने के लिए पीछा करना पड़ा और आखिर में उसे एक अमेरिकी F-22 फाइटर जेट ने मार गिराया.

12 फरवरी: अगले ही दिन रविवार को अमेरिकी जेट ने हूरोन झील के पास एक चौथी उच्च ऊंचाई वाली वस्तु को मार गिराया. बताया गया कि वह वस्तु अष्टकोणीय संरचना की थी, जिसके तार लटक रहे थे. अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने कहा कि इससे जमीन पर किसी भी चीज के लिए सैन्य खतरा नहीं था, लेकिन नागरिक उड़ानों के लिए इससे खतरा पैदा हो सकता था क्योंकि यह लगभग 20,000 फीट (6,000 मीटर) ऊपर उड़ रही थी.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार एक सैन्य कमांडर ने कहा कि वह इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि य वस्तु किसी और ग्रह की हैं या नहीं (extra-terrestrials) हैं. हालांकि एक रक्षा अधिकारी ने बाद में न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि सेना को ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिसके आधार पर कहा जाए कि ये वस्तुएं किसी और ग्रह से आई हैं.

मार गिराई गयीं आखिरी 3 'वस्तुएं' क्या थीं?

अमेरिकी उत्तरी कमान के कमांडर जनरल ग्लेन वानहर्क ने कहा कि किसी खतरे का कोई संकेत नहीं है. उन्होंने कहा "मैं उन्हें गुब्बारे नहीं कहूंगा. हमारे पास इसकी वजह है कि हम उन्हें वस्तु/ऑब्जेक्ट कह रहे हैं... हमारे सामने बहुत छोटी वस्तुएं हैं जो बहुत कम रडार क्रॉस-सेक्शन प्रोड्यूस करती हैं. इसलिए अमेरिका को अपने रडार को एडजस्ट करना पड़ा ताकि वह धीमी गति वाली वस्तुओं को ट्रैक कर सके."

अभी तक केवल पहली वस्तु- जासूसी बैलून को ही चीन से जोड़ा गया है.

अमेरिकी हवाई क्षेत्र की सुरक्षा करने वाले अमेरिकी सैन्य कमांडर ने रविवार को कहा कि वह यह निर्धारित नहीं कर सके कि तीन दिनों में मार गिराई गई तीन वस्तुएं उतनी ऊंचाई पर कैसे उड़/तैर रहीं थी?

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अचानक इतनी 'वस्तुएं' अमेरिकी आसमान में कहां से आईं?

अमेरिका का दावा है कि जासूसी बैलून एक "बेड़े/फ्लीट" का हिस्सा थे जिसने पांच महाद्वीपों में फैलाया गया है. द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह आने वाले वर्षों में ताइवान पर संभावित तीव्र चीनी दबाव से पहले विदेशी सैन्य क्षमताओं को टारगेट करने वाले चीनी जासूसी प्रयास की शुरुआत हो सकती है.

दरअसल अमेरिका और कनाडा का खुफिया विभाग लगातार भारी मात्रा में उड़ने वाली चीजों का डेटा प्राप्त करता है, लेकिन आम तौर पर मिसाइलों के खतरे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कुछ ही वस्तुओं के डेटा को छांटकर उसकी जांच की जाती है, न कि गुब्बारे जैसी धीमी गति वाली वस्तुओं की.

लेकिन अब सबकी बारीकी से जांच की जा रही है. हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के टॉप डेमोक्रेट जिम हिम्स ने एक न्यूज चैनल को बताया, "अब, जाहिर है, हम उन्हें ढूंढ रहे हैं. इसलिए मुझे लगता है कि हमें शायद अधिक वस्तुएं मिल रही हैं"

अमेरिकी रक्षा विभाग- पेंटागन ने कहा है कि जासूसी बैलून की खोज के बाद से वह रडार की अधिक बारीकी से जांच कर रहा है.

अधिकारियों के अनुसार अब मालूम चला है कि ऐसे तीन बैलून डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान और एक बाइडेन के कार्यकाल के दौरान भी अमेरिकी हवाई क्षेत्र में कुछ समय तक उड़ें थें हालांकि उस समय इसकी जानकारी नहीं थी.

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बैलून कांड से अमेरिका-चीन संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

चीन गंभीर रूप से तनावपूर्ण संबंधों को स्थिर करने के उद्देश्य से अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन बीजिंग की यात्रा पर जाने वाले थे. हालांकि बैलून गिराने के बाद अमेरिका ने उनकी यह यात्रा रद्द कर दी. साथ ही उन छह चीनी संस्थानों पर प्रतिबंध लगा दिए जिनपर जासूसी बैलून प्रोग्राम के समर्थन का आरोप लगाया गया.

बीजिंग ने बैलून को गिराए जाने की निंदा करते हुए कहा कि यह "अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास/प्रैक्टिस का गंभीर उल्लंघन है". उसने चेतावनी दी कि आगे अगर ऐसी ही स्थिती सामने आती है तो वह भी उससे निपटने के लिए आवश्यक साधनों का उपयोग करेगा. साथ ही चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका ने पिछले एक साल में 10 से ज्यादा बार उसके हवाई क्षेत्र में बैलून उड़ाए हैं. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक प्रेस ब्रीफ में कहा है कि चीन को बदनाम करने और उस पर आरोप लगाने के बजाय, अमेरिका को सबसे पहले एक साफ स्लेट के साथ शुरू करना चाहिए और खुद पर नजर डालनी चाहिए.

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