ADVERTISEMENTREMOVE AD

वीजा न देने पर भारतीय महिला ने अमेरिकी सरकार पर मुकदमा किया

वीजा नहीं मिलने पर महिला की जा सकती है नौकरी

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

एक भारतीय महिला ने अमेरिका में वर्क परमिट में देरी किए जाने को लेकर यूएस सिटिजनशिप और इमिग्रेशन सर्विसेज पर मुकदमा किया है. महिला ने प्रधाकारियों पर कम से कम 75 हजार रोजगार प्राधिकरण दस्तावेजों के लंबित होने का भी आरोप लगाया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इकनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रंजीता सुब्रमण्यम और उनके पति, विनोद सिन्हा ने इमिग्रेशन सर्विसेज के खिलाफ ओहायो के फेडरल कोर्ट में केस फाइल किया है. सुब्रमण्यम ने कहा कि उनकी H-4 स्टेटस और रोजगार प्राधिकरण दस्तावेज (EAD) को बढ़ाने के लिए एप्लीकेशन 7 अप्रैल को मंजूर हो गई थी, लेकिन उन्हें वर्क परमिट कार्ड अभी तक नहीं मिला है.

इसके कारण, वो अपना काम रोकने के लिए मजबूर हो गईं. सुब्रमण्यम का EAD 7 जून, 2020 को एक्सपायर हो गया था. रिपोर्ट में सुब्रमण्यम के वकील के हवाले से बताया गया है कि संजीता के इंप्लॉयर ने उनसे 9 अगस्त तक EAD का प्रूफ दिखाने को कहा है. अगर वो ऐसा नहीं कर पाईं, तो उनकी नौकरी जा सकती है.

EAD एप्लीकेशन के मंजूर होने के 48 घंटों के अंदर भेज दिया जाता है, लेकिन रंजीता को ये मिले हुए 100 दिनों से ऊपर हो चुके हैं.

यूएस सिटिजनशिप और इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) H-4 वीजा, H-1B वीजा होल्डर्स के परिवार के सदस्यों को जारी किया जाने वाला वीजा है. H-4 वीजा पर पति/पत्नी EAD के लिए आवेदन कर सकते हैं.

मुकदमे में इमिग्रेशन प्राधिकरण पर 75 हजार अप्रकाशित लंबित EAD का भी आरोप लगाया गया है. सुब्रमण्यम ने कहा कि EAD देने में देरी या इनकार करने से उन्होंने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया है. कुछ समय पहले. USCIS ने कहा था कि वर्क परमिट और परमानेंट रेसीडेंसी कार्ड की प्रिंटिंग को कम किया है. USCIS ने थर्ड पार्टी कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद ऐसा किया था. ये कंपनी USCIS के लिए कार्ड प्रिंट करती थी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×