ईरान (Iran) ने संयुक्त राष्ट्र (UN) के न्यूक्लियर वॉचडॉग, IAEA को देश के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम की निगरानी में लगे कैमरों में नए मेमोरी कार्ड लगाने की अनुमति दे दी है. ईरान के उप-राष्ट्रपति और परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) के प्रमुख मोहम्मद एस्लामी ने सरकारी मीडिया के हवाले से कहा कि "हम एजेंसी के कैमरों के मेमोरी कार्ड को बदलने पर सहमत हुए हैं."
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने दो घंटे की बातचीत के बाद 12 सितंबर को तेहरान में डील पर मुहर लगाई. अब वो सोमवार, 13 सितंबर को IAEA की बोर्ड बैठक में रिपोर्ट करेंगे.
ईरान और पश्चिमी देशों के बीच गतिरोध हो सकता है कम
IAEA और ईरान के बीच इस वार्ता का उद्देश्य ईरान और पश्चिमी देशों के बीच गतिरोध को कम करना था. इस सफल वार्ता के बाद इस बात की संभावना कम हो जाती है कि यूरोपीय देश और अमेरिका ईरान के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश करेगें , जिसे बाद में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रखा जाता.
इससे पहले IAEA ने इस सप्ताह कहा कि दो प्रमुख मुद्दों पर कोई प्रगति नहीं हुई है:
पुराने और अघोषित साइट्स पर पाए गए यूरेनियम के निशान की व्याख्या करना
निगरानी कैमरों तक तत्काल पहुंच प्राप्त करना ताकि एजेंसी 2015 के डील के अनुसार ईरान के परमाणु कार्यक्रम के कुछ हिस्सों पर नजर रख सके.
गौरतलब है कि जून के चुनावों के बाद एक नये और कट्टर राष्ट्रपति, इब्राहिम रायसी के नेतृत्व में ईरान लगातार राफेल ग्रॉसी की यात्रा को रोक रहा था. इसके बाद से ही यूरोपीय देश ईरान के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने पर विचार कर रहे थें.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)