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इस्लामिक स्टेट ने रूसी विमान दुर्घटना की जिम्मेदारी ली: रिपोर्ट

इस्लामिक स्टेट का दावा है कि उसके लड़ाकों ने मिस्र से गुजर रहे रूसी विमान को मार गिराया. 

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इस्लामिक स्टेट की एक यूनिट ने मिस्र के सिनाई में शनिवार को हुए विमान हादसे की जिम्मेदारी ली है.

इस्लामिक स्टेट के इस दावे से पहले माना जा रहा था कि विमान किसी तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटना का शिकार हुआ. जांच अधिकारी इस दावे की जांच कर रहे हैं.

आईएस के समर्थक इस आतंकी संगठन की तरफ से जारी किया गया एक संदेश ट्विटर पर शेयर कर रहे हैं.

इस संदेश में लिखा गया,

इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों ने सिनाई से गुजर रहे एक रूसी विमान को मार गिराया है जिसमें 220 रूसी सवार थे. सभी लोग मारे गए.

—इस्लामिक स्टेट का कथित बयान

मिस्र के सुरक्षा अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि विमान में सवार 217 यात्रियों और चालक दल के सात सदस्यों में से कोई जीवित नहीं बचा.

इस्लामिक स्टेट का दावा है कि उसके लड़ाकों ने मिस्र से गुजर रहे रूसी विमान को मार गिराया. 
जांचकर्ताओं को जो शव मिले हैं उन्हें पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंपे जाएंगे. (फोटो: AP)

नाम न बताने की शर्त पर अधिकारियों ने बताया कि अब तक दुर्घटनास्थल से बरामद 100 से अधिक शवों में से ज्यादातर जले हुए हैं.

मिस्र के असैन्य हवाई अड्डा नियामक के अध्यक्ष आदिल महगूब ने कहा कि सभी यात्री और चालक दल के सदस्य रुसी नागरिक थे.

एटीसी के साथ टूट गया था संपर्क

शर्म अल-शेख के रेड सी रिसॉर्ट से एयरबस ए321 के उड़ान भरने के 23 मिनट बाद ही मिस्र के एटीसी के साथ उसका संपर्क टूट गया.

दुर्घटनाग्रस्त विमान केजीएल9268 कोगालिमाविया एयरलाइन से जुडा था. यह पश्चिमी साइबेरिया का एक छोटा एयरलाइन है.

रुस की रिया न्यूज एजेंसी ने कहा, ‘‘उडान नियमों के उल्लंघन’’ के लिए एयरलाइन के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है.

विमान दुर्घटना के सही कारणों का अभी पता नहीं चला है, लेकिन सुरक्षा और विमानन अधिकारियों की प्राथमिक जांच से पता चलता है कि रुसी विमान ‘‘तकनीकी कारणों’’ से सिनाई प्रायद्वीप में दुर्घटनाग्रस्त हुई.

सीटों से बंधे थे शव

विमान का मलबा हसाना इलाके में पाया गया और शवों को विमान के ब्लैक बॉक्स के साथ हटाया गया. अधिकारियों के अनुसार पीड़ितों के शव सीटों से बंधे हुए थे.

विमान में 217 यात्री, जिनमें 17 बच्चे, और चालक दल के सात सदस्य सवार थे.

मिस्र के हवाई यातायात नियंत्रक के एक अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि रुसी विमान के पायलट के साथ आखिरी बातचीत उस वक्त हुई जब वह 30 हजार फुट की उंचाई पर विमान उडा रहा था.

अधिकारी ने कहा कि पायलट ने वायरलेस उपकरण में खराबी की शिकायत की और नजदीकी हवाई अड्डे पर आपात लैंडिंग के लिए कहा था, जिसके कुछ ही देर बाद ये हादसा हो गया.

(भाषा से इनपुट सहित)

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