अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायल और हमास के बीच सीजफायर को समर्थन दिया है. बाइडेन ने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के साथ 17 मई को फोन पर बातचीत की. व्हाइट हाउस ने बताया कि राष्ट्रपति बाइडेन ने 'सीजफायर के लिए अपना समर्थन जाहिर किया और इसके लिए अमेरिका, मिस्र और बाकी सहयोगियों के काम की चर्चा की.'
गाजा में इजरायल और हमास के बीच जारी विवाद अब दूसरे हफ्ते में पहुंच गया है. अल-अक्सा मस्जिद में इजरायली पुलिस की कार्रवाई और शेख जर्राह इलाके से फिलिस्तीनी परिवारों को निकालने के मुद्दे से शुरू हुआ हिंसक विवाद बढ़ता जा रहा है.
हालांकि, बाइडेन ने सीजफायर को समर्थन दिया है लेकिन अपनी डेमोक्रेटिक पार्टी के कई नेताओं की तरह तुरंत हिंसा रोकने की मांग नहीं की. कई वैश्विक नेता भी ये मांग कर चुके हैं, लेकिन अमेरिका अपने करीबी सहयोगी इजरायल पर इसका दबाव नहीं डाल रहा है.
व्हाइट हाउस ने अपने बयान में बताया कि बाइडेन ने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया कि 'इजरायल को रॉकेट हमलों से खुद को सुरक्षित रखने का अधिकार है.' बाइडेन ने इजरायल के इस अधिकार को भी 'समर्थन' दिया है.
हालांकि, बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति बाइडेन ने ‘इजरायल से मासूम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर जरूरी कोशिश करने’ को भी कहा है.
UNSC ने की लड़ाई रोकने की अपील
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने गाजा में जारी हिंसा को तत्काल खत्म करने का आहवान किया है. 16 मई को परिषद की खुली बहस के दौरान अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संघर्ष को पूरी तरह से भयावह बताया.
गुटेरेस ने कहा, “लड़ाई रुकनी चाहिए. इसे तुरंत रोकना चाहिए. एक तरफ रॉकेट और मोर्टार और दूसरी तरफ हवाई और तोपखाने की बमबारी बंद होनी चाहिए. मैं सभी पक्षों से इस कॉल पर ध्यान देने की अपील करता हूं.”
बैठक के दौरान चीन ने बढ़ते संघर्ष को लेकर चार सूत्री प्रस्ताव रखा. विदेश मंत्री वांग यी के मुताबिक, चार बिंदु हैं- युद्धविराम और हिंसा का खात्मा सर्वोच्च प्राथमिकता, मानवीय सहायता एक तत्काल आवश्यकता, अंतरराष्ट्रीय समर्थन एक दायित्व और समाधान मौलिक तरीका होना चाहिए.
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