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‘मां मैं मरना नहीं चाहती’:इजरायल-हमास जंग के बीच दर्द की 5 कहानी

दर्द इधर भी, दर्द उधर भी, गाजा में कुछ ज्यादा, इजरायल में कम

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एक 5 साल की बच्ची बेड पर रोते हुए कहती है- ''मैं मरना नहीं चाहती.''

एक 5 महीने का बच्चा एयर स्ट्राइक में किसी तरह बच गया, लेकिन उसके पैर में 3 जगह फ्रैक्चर हुआ है और चेहरा चोटों से भरा हुआ है.

एक 10 साल की बच्ची बिल्डिंग के मलबे की तरफ इशारा करके पूछती है- ''आप मुझसे क्या उम्मीद करते हैं, इसे ठीक करने की?''

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इजरायल और हमास के बीच चल रही भीषण लड़ाई से आखिरकार किसे और कितना फायदा होगा, तमाम सियासी दांवपेचों के बीच इस सवाल का सीधा जवाब आसान नहीं है. मगर यह बात साफ है कि इस लड़ाई से आम लोगों की जिंदगियां तबाह हो रही हैं. बच्चों से लेकर बड़े तक, खौफ के साये में जी रहे हैं और पूछ रहे हैं कि आखिर उन्होंने ऐसा क्या गुनाह किया है कि वे अपने सपनों को कुचलते तो देख ही रहे हैं, एक सामान्य जिंदगी तक नहीं जी पा रहे.

‘मैं हर रोज रोती हूं... मैं बस 10 साल की हूं.’

गाजा की 10 साल की एक लड़की हमले के बाद पास में पड़े हुए बिल्डिंग के मलबे की तरफ इशारा करते हुए कहती है, ''आप मुझसे क्या करने की उम्मीद करते हैं? इसे ठीक करने की? मैं केवल 10 साल की हूं. मैं इससे और ज्यादा नहीं निपट सकती. अपने लोगों की मदद के लिए मैं बस एक डॉक्टर या कुछ और बनना चाहती हूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकती. मैं बस एक बच्ची हूं. मुझे पता भी नहीं है कि मुझे क्या करना है.''

इसके आगे वो कहती है, ''मुझे डर लगता है, लेकिन वास्तव में इतना नहीं. मैं अपने लोगों के लिए कुछ भी करूंगी, लेकिन मुझे नहीं पता कि क्या करना है...इस सबको देखकर मैं हर रोज रोती हूं. मैं खुद से कहती हूं, हमारे साथ ऐसा क्यों हो रहा है?''

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'मुझे डर है कि हम सब मरने जा रहे हैं.'

गाजा में बेड पर लेटी हुई एक 5 साल की बच्ची रोते-रोते कहती है, ''मैं मरना नहीं चाहती.'' इसके बाद उसकी मां रैंडा कमील कहती हैं, ''तुम नहीं मरोगी...किसने कहा कि तुम मर जाओगी?'' इस पर बच्ची कहती है, ''मुझे डर है कि हमारा घर ढहा दिया जाएगा.''

हालात की गवाही के तौर पर रिकॉर्ड किए गए वीडियो में कमील बच्ची को हिम्मत देने की कोशिश करते हुए कहती हैं, ''चिंता मत करो, घर नहीं ढहेगा.'' मगर बच्ची का रोना बंद नहीं होता, वो कहती है, ''मुझे डर है कि हम सब मरने जा रहे हैं.''

'बच्चे एंग्जायटी से जूझ रहे हैं, उन्हें घर पर सोने में डर लगता है’

गाजा के लोगों के मुकाबले इजरायलियों के हालात कुछ हद तक बेहतर हैं, हालांकि लड़ाई के दौरान बहुत से आम इजरायलियों को लगातार बम-शेल्टर में रहना पड़ रहा है. भले ही शेल्टर में रहकर उनकी जान बच रही हो, लेकिन घर से दूर होने की वजह से वे चाहते हैं कि लड़ाई खत्म हो और वे एक सामान्य जिंदगी जी सकें.

एक शख्स ऐसे ही हालात को बयां करते हुए कहता है, ''बच्चे एंग्जायटी से जूझ रहे हैं. उन्हें घर में सोने में डर लगता है. जैसा कि आप देख सकते हैं कि हम एक शेल्टर में रह रहे हैं. हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह परिस्थिति बीते और हम बेहतर जिंदगी जी पाएं, एक सामान्य जिंदगी.''

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'मेरे पास दुनिया में तुम्हारे अलावा कोई नहीं बचा'

गाजा के एक अस्पताल में मोहम्मद अल-हदीदी अपने 5 महीने के घायल बच्चे उमर को रोते हुए संभालने की कोशिश कर रहे हैं. इजरायल की एक एयर स्ट्राइक में उमर की मां और उसके 4 भाइयों की मौत हो गई. हदीदी उमर से कहते हैं, ''मेरे पास दुनिया में तुम्हारे अलावा कोई नहीं बचा है.''

एयर स्ट्राइक के बाद, बचावकर्मियों ने उमर को उसकी मृत मां की बाहों से खींचकर बाहर निकाला था. हमले में उमर का एक पैर तीन जगह फ्रैक्चर हुआ है और उसके चेहरे पर भी चोटें आई हैं.

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‘मैंने खाना बंद कर दिया था, ताकि मैं दुकान खोल सकूं’

गाजा में अपने बुक स्टोर के मलबे के सामने खड़े शाबान अस्लिम रोते हुए बताते हैं कि यह स्टोर उनका सपना था. वह कहते हैं, ''मैंने खाना बंद कर दिया था, ताकि मैं दुकान खोल सकूं.’’ अस्लिम का बुक स्टोर हाल ही में इजरायल की एक एयर स्ट्राइक में ढह गया था.

इजरायल ने गुरुवार तड़के भी गाजा पट्टी में कई हवाई हमले किए. ये ताजा हमले तब हुए हैं जब इससे पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा के उग्रवादी हमास शासकों के खिलाफ आक्रमण कम करने के अमेरिकी दबाव के आगे झुकने से इनकार कर दिया. हमास ने इजरायल में हजारों रॉकेट दागे हैं.

11 दिनों की इस लड़ाई में गाजा में 200 से ज्यादा, जबकि इजरायल में 10 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.

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