इजरायल और हमास में जारी युद्ध (Israel-Hamas War) को 19 दिन बीत चुके हैं. इजरायल की लगातार बमबारी से गाजा (Gaza Strip) में जीवन कठिन हो गया है. 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले के बाद से इजरायल गाजा पर जवाबी हमला कर रहा है. 11 अक्टूबर से गाजा पर पूर्ण नाकेबंदी कर दी गई थी. जिसके बाद से गाजा में पानी, बिजली और खाने की भयंकर कमी है. दुनियाभर से कई देश गाजा की मदद को आगे आए हैं.
गाजा में जो हालत बने हुए हैं उसे देखते हुए कई देशों में नागरिकों ने फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन भी किए हैं. 24 अक्टूबर की शाम केरल के कन्नूर में भी एक बड़ा प्रदर्शन हुआ. सैंकड़ों की संख्या में स्टूडेंट्स इकट्ठा हुए और तलासेरी के ऐतिहासिक किले से सब्जी मंडी तक मार्च निकाला.
सड़कों पर चलते हुए स्टूडेंट्स ने 'इंडिया विद फिलिस्तीन' का बड़ा बैनर हाथों में लिया हुआ था. कई छात्र हाथों में तख्तियां लेकर चल रहे थे जिन पर गाजा में मदद भेजने के नारे लिखे हुए थे.

फिलिस्तीन के समर्थन में प्लाकार्ड लिए प्रदर्शनकारी
(फोटो: नवार ईलाफ)
ये विरोध प्रदर्शन मार्च विभिन्न छात्र संगठनों ने मिलकर किया था. जिसमें तलासेरी कस्बे के आमजन भी शामिल हुए. मार्च में शामिल संगठनों का मानना था कि गाजा में जारी बमबारी और हिंसा को 'नरसंहार' कहा जाना चाहिए.
प्रदर्शन में शामिल नवार ईलाफ ने कहा-
"भारत के कुछ राजनीतिक दल और कुछ विशेष मीडिया संस्थान इजरायल द्वारा गाजा में की जा रही हिंसा को सही बता रहे हैं. वे इजरायल को पीड़ित बता कर इजरायल के द्वारा गाजा में की जा रही हत्याओं को जायज ठहरा रहें हैं. जो गलत और अन्यायपूर्ण है."
कन्नूर में हुए इस प्रदर्शन में कई मुस्लिम संगठन शामिल हुए जिनमें स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया, मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन और मुस्लिम लीग शामिल हैं.

भारत के कई शहरों में फिलिस्तीन के लिए हुए प्रदर्शन
केरल के कन्नूर से पहले भारत में कई शहरों में फिलस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन और रैलियां हो चुकी हैं. दिल्ली में अबतक करीब 3 बार फिलिस्तीन और गाजा के लिए प्रदर्शन हुआ है, जबकि हैदराबाद और पटना में भी फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन हुए हैं.
भारत भी भेज चुका है गाजा में मानवीय मदद
गाजा में जारी मानवीय त्रासदी को देखते हुए भारत ने भी गाजा में मानवीय मदद भेजी है. भारत सरकार ने 22 अक्टूबर को अपने एयरक्राफ्ट के जरिए गाजा के लिए साढ़े 6 टन चिकित्सा सहायता और 32 टन आपदा राहत सामग्री भेजी थी.
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