इजरायल और हमास (Israel-Hamas War) के बीच युद्ध जारी है. इस बीच गाजा (Gaza) में 100 से अधिक लोगों की मौत की खबर है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खाना और राहत-सामग्री लेने के लिए उमड़ी भीड़ में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. गाजा में हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने 112 लोगों की मौत और 760 लोगों के घायल होने का आंकड़ा जारी करते हुए इजरायल पर 'नरसंहार' का आरोप लगाया है. हालांकि, इजरायली सेना (IDF) के मुताबिक, धक्का-मुक्की और ट्रक के नीचे आने की वजह से लोगों की जान गई है.
इजरायल और हमास ने क्या-क्या कहा?
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय समायानुसार ये घटना 29 फरवरी यानी गुरुवार शाम करीब 5 बजे गाजा शहर के दक्षिण-पश्चिमी किनारे पर नबुलसी चौराहे के पास हुई.
मिस्र से राहत-सामग्री से भरी 30 लॉरियों का एक काफिला "मानवीय गलियारे" से होता हुआ उत्तर की ओर जा रहा था. इस दौरान लोगों की भीड़ जमा हो गई. कथित तौर पर इजरायली सेना के हमले में 100 से ज्यादा लोगों के मारे गए हैं.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली सेना का कहना है कि टैंकों ने चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाईं, लेकिन काफिले पर हमला नहीं किया. वहीं कुछ फिलिस्तीनियों का कहना है कि सैनिकों ने उन पर सीधे गोलीबारी की.
हालांकि, एक फिलिस्तीनी प्रत्यक्षदर्शी ने बीबीसी को बताया कि मरने वालों में से अधिकांश लॉरी चालकों द्वारा आगे बढ़ने की कोशिश के कारण कुचले गए.
IDF के मुख्य प्रवक्ता, रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा, "कुछ लोगों ने हिंसक रूप से धक्का-मुक्की की और मानवीय आपूर्ति लूट ली. इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में दर्जनों गाजावासी मारे गए और घायल हुए."
इजरायली टैंकों द्वारा फायरिंग के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने आगे कहा, "राहत-सहायता काफिले की ओर कोई IDF हमला नहीं किया गया." इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि, चेतावनी के तौर पर हवाई फायरिंग की गई थी, लेकिन जब लोगों की भीड़ बढ़ गई तो टैंक पीछे हट गए.
हमास ने IDF द्वारा दिए गए घटना के विवरण को खारिज कर दिया है. हमास ने "नागरिकों पर सीधी गोलीबारी, जिसमें तत्काल हत्या के उद्देश्य से हेडशॉट भी शामिल है" के "अविवादित" सबूत का हवाला दिया है.
AP की रिपोर्ट के मुताबिक, अल-अवदा अस्पताल के कार्यवाहक निदेशक डॉ. मोहम्मद सलहा ने कहा कि अस्पताल में 161 घायल मरीज भर्ती करवाए गए, जिन्हें देखकर लगा कि उन्हें गोली लगी है.
फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने इजरायली बलों पर "जघन्य नरसंहार" का आरोप लगाया है.
वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा, "मैं गाजा में गुरुवार की घटना की निंदा करता हूं, जिसमें जीवन-रक्षक सहायता मांगते समय 100 से अधिक लोग कथित तौर पर मारे गए या घायल हो गए."
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बुलाई आपात बैठक
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस घटना पर चर्चा के लिए एक आपातकालीन बैठक आयोजित की है.
इस मामले पर फ्रांस ने कहा कि "राशन लेने की कोशिश कर रहे नागरिकों के खिलाफ इजरायली सैनिकों द्वारा की गई गोलीबारी अनुचित" थी.
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना से इजरायल और हमास के बीच अस्थायी युद्धविराम को लेकर चल रही कोशिशों को झटका लगेगा.
बाइडेन ने कहा, "मैंने क्षेत्र के लोगों से फोन पर बात की है. सोमवार तक तो यह संभव नहीं है, लेकिन मुझे उम्मीद है." बता दें कि बाइडेन ने 4 मार्च तक सीजफायर की उम्मीद जताई थी.
दूसरी तरफ 29 फरवरी को इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि वह "अपने सभी लक्ष्यों को पूरा करने से पहले युद्ध को समाप्त करने के अंतरराष्ट्रीय दबाव को अस्वीकार" करते हैं.
गाजा में 30 हजार से ज्यादा मौतें
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 7 अक्टूबर को मौजूदा संघर्ष शुरू होने के बाद से गाजा में 21,000 बच्चों और महिलाओं सहित 30,000 से अधिक लोग मारे गए हैं. वहीं करीब 7,000 लोग लापता हैं और 70,450 लोग घायल हुए हैं.
गाजा के उत्तरी हिस्से में अकाल की आशंका जताते हुए संयुक्त राष्ट्र क्षेत्र कहा है कि अनुमानित 3,00,000 लोग भोजन और पीने के पानी की कमी से जूझ रहे हैं.
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