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नेतन्याहू के जाने पर इजरायल में कैपिटल हिल जैसी हिंसा का डर

Yair Lapid और Naftali Bennett की नई सरकार बनने से पहले हिंसा की आशंका

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इजरायल में बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) की सरकार जल्द ही जा सकती है. आठ पार्टियों ने साथ मिलकर नई सरकार बनाने का ऐलान कर दिया है. यैर लपीद (Yair Lapid) और नफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett) ने नेतन्याहू को 12 साल बाद सत्ता से हटाने के लिए विभिन्न विचारधारा वाली पार्टियों का एक बड़ा गठबंधन तैयार किया है. हालांकि, नई सरकार बनने से पहले इजरायल में हिंसा होने की आशंका है. मीडिया रिपोर्ट्स के बाद अब देश की घरेलू सुरक्षा एजेंसी शिन बेट ने भी चेतावनी दी है.

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रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शिन बेट (Shin Bet) के प्रमुख नदाव अर्गामान ने बिना नाम लिए एक बयान में संभावित हिंसा की चेतावनी दी है. अर्गामान ने कहा, "हमने सार्वजानिक रूप से और सोशल मीडिया पर बहुत हिंसक और उकसाने वाली बातचीत में हाल में बढ़ोतरी देखी है."

“इस बातचीत को कुछ समूहों या व्यक्तियों के बीच हिंसक और अवैध गतिविधियों को करने की इजाजत के तौर पर देखा जा सकता है, जिससे लोगों को शारीरिक नुकसान हो सकता है.” 
नदाव अर्गामान, शिन बेट के प्रमुख

ये चेतावनी ऐसे समय में आई है जब इजरायली मीडिया में कई दिनों से ऐसी खबरें थीं कि नेतन्याहू के समर्थक यूएस कैपिटल जैसी हिंसा को अंजाम दे सकते हैं. नेतन्याहू ने नए गठबंधन को देश के लिए 'खतरा' बताया है और वो लगातार सांसदों से गठबंधन को रोकने की अपील कर रहे हैं.

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बेनेट की सुरक्षा को खतरा?

गठबंधन में शामिल हुए दक्षिणपंथी नफ्ताली बेनेट और उनकी यामिना पार्टी के सांसद प्रदर्शनकारियों के निशाने पर आ गए हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने बेनेट और कई सांसदों की सुरक्षा बढ़ा दी है. उनके घरों के बाहर प्रदर्शन हो रहे हैं.

नदाव अर्गामान ने राजनीतिक और धार्मिक नेताओं से जिम्मेदारी दिखाने और लोगों का न उकसाने की अपील की है. अर्गामान ने कहा कि नेता साफ तौर पर हिंसा से दूर रहने की बात करें, जिससे लोगों में सही संदेश पहुंचे.  

बेनेट नई सरकार में शुरुआती दो साल प्रधानमंत्री रहेंगे. हालांकि, इजरायल में दक्षिणपंथियों ने बेनेट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसमें बड़ा हाथ नेतन्याहू का भी है क्योंकि वो बार-बार बेनेट के लेफ्ट पार्टियों के साथ सरकार ने बनाने के पुराने वादे याद दिला रहे हैं.

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1995 का माहौल याद दिला रही चेतावनी

शिन बेट का कहना है कि दक्षिणपंथी समर्थकों के बीच बातचीत में 'गद्दार' जैसे शब्दों का इस्तेमाल बढ़ा है. ये शब्द इजरायल में बहुत संवेदनशील है क्योंकि इससे 1995 में तत्कालीन प्रधानमंत्री यित्जाक राबिन की हत्या की याद ताजा हो जाती है. राबिन को एक अतिराष्ट्रवादी ने फिलिस्तीन के साथ शांति समझौते पर आगे बढ़ने के लिए गोली मार दी थी.

राबिन को इस समझौते के लिए इजरायल में दक्षिणपंथी बार-बार 'गद्दार' कहते थे. इजरायल की लेफ्ट पार्टियां सालों से राबिन के खिलाफ जनता को उकसाने के लिए नेतन्याहू को जिम्मेदार कहती आई हैं, जबकि वो इससे इनकार करते रहे हैं.

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