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इजरायल ने गाजा में मीडिया संस्थानों की बिल्डिंग को गिराया:रिपोर्ट

न्यूज एजेंसी असोसिएटेड प्रेस ने इस बात की जानकारी दी है.

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इजरायल ने अपनी एयर स्ट्राइक में गाजा सिटी स्थित उस बहुमंजिला बिल्डिंग को गिरा दिया है, जहां से अल जजीरा, असोसिएटेड प्रेस और दूसरे इंटरनेशनल मीडिया आउटलेट्स काम कर रहे थे. न्यूज एजेंसी असोसिएटेड प्रेस (एपी) ने खुद इस बात की जानकारी दी है.

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एपी ने बताया है कि शनिवार को इजरायली सेना ने लोगों को बिल्डिंग खाली करने का आदेश दिया था, इसके करीब 1 घंटे बाद ही बिल्डिंग पर एयर स्ट्राइक हो गई. हालांकि इस बिल्डिंग को क्यों निशाना बनाया गया, इसका तत्काल कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला.

एपी ने इसे हमास के साथ इजरायल की लड़ाई के बीच ‘गाजा से रिपोर्टिंग को शांत कराने के लिए इजरायली सेना का ताजा कदम’ बताया है.

इस लड़ाई ने इजरायल में दशकों बाद भयावह यहूदी-अरब हिंसा को जन्म दिया है. हमास के एक वरिष्ठ निर्वासित नेता सालेह अरुरी ने लंदन स्थित एक चैनल को शुक्रवार को बताया कि उनके समूह ने पूर्ण संघर्ष विराम के लिए और बातचीत करने देने के लिए तीन घंटे के विराम के प्रस्ताव को ठुकरा दिया. उन्होंने कहा कि मिस्र, कतर और संयुक्त राष्ट्र संघर्ष विराम प्रयासों की अगुवाई कर रहे हैं.

इजरायली सेना ने शुक्रवार को कहा कि गाजा में हवाई और जमीनी हमले हो रहे हैं. गाजा सिटी के बाहरी इलाकों में विस्फोटों से आसमान में धुएं का गुबार बन गया. हमले इतने भयावह थे कि कई किलोमीटर दूर शहर में लोगों की चीखें सुनी गई.

जेरूसलम से शुरू हुआ था हिंसा का दौर

हिंसा का दौर एक महीने पहले जेरूसलम में शुरू हुआ था, जहां रमजान के पवित्र महीने के दौरान हथियारों से लैस इजरायली पुलिस तैनात रही और यहूदी शरणार्थियों की ओर से दर्जनों फिलिस्तीनी परिवारों को निर्वासित करने के खतरे ने प्रदर्शनों को हवा दी और पुलिस के साथ झड़पें हुईं. अल अक्सा मस्जिद में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और प्रदर्शनकारियों पर ग्रेनेड फेंके.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हमास और इजरायल के बीच हालिया लड़ाई तब शुरू हुई थी जब जेरूसलम को बचाने का दावा करने वाले हमास ने लंबी दूरी के रॉकेट दागने शुरू किए. इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कई हवाई हमले किए.

इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि उन्होंने लड़ाई खत्म करने को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की है लेकिन साथ ही उन्होंने इजरायली नेता का समर्थन भी किया है.

वहीं, गुरुवार को मिस्र के अधिकारी संघर्ष विराम के लिए पहुंचे. मिस्र अक्सर इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थ का काम करता है और पिछली कई लड़ाइयों को खत्म करने में उसकी अहम भूमिका रही है. अधिकारियों ने सबसे पहले गाजा में हमास के नेताओं से बात की और उसके बाद तेल अवीव में इजरायली नेताओं से बातचीत की.

संघर्ष विराम के प्रयासों के बावजूद इजरायल के रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज ने गुरुवार देर रात अतिरिक्त 9000 सैनिकों को गाजा सीमा पर भेजने का आदेश दिया. उधर, हमास ने भी पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया.

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