वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी (Jamal Khashoggi) की 2018 में हत्या में शामिल रहने वाले सऊदी अरब (Saudi Arabia) के चार लोगों को अमेरिका में पैरामिलिटरी ट्रेनिंग मिली थी. अमेरिकी अखबार द न्यू यॉर्क टाइम्स (NYT) ने दस्तावेजों और इससे संबंधित लोगों के हवाले से ये जानकारी दी है. रिपोर्ट में कहा गया कि ट्रेनिंग के लिए कॉन्ट्रैक्ट अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मंजूर किया था.
NYT की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेनिंग Tier 1 Group नाम की कंपनी ने मुहैया कराई थी. ट्रेनिंग में 'निशानेबाजी' और 'हमला रोकने' के गुर सीखना शामिल था.
कंपनी ने NYT से कहा है कि ट्रेनिंग सऊदी अरब के नेताओं को बेहतर सुरक्षा देने के लिए थी. हालांकि, रिपोर्ट कहती है कि जिन अमेरिकी अधिकारियों ने ट्रेनिंग को मंजूरी दी थी, वो जानते थे कि चारों लोग सऊदी सरकार के विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई में शामिल हैं.
इस रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि 'हम किसी भी लाइसेंस्ड डिफेंस एक्सपोर्ट एक्टिविटी' पर टिप्पणी नहीं करेंगे. प्राइस ने साफ किया कि अमेरिका की सऊदी अरब के लिए नीति 'कानून का शासन और मानवाधिकार' को प्राथमिकता देगी.
पैरेंट कंपनी ने स्वीकारी ट्रेनिंग की बात
Tier 1 Group की पैरेंट कंपनी Cerberus Capital Management के वरिष्ठ एग्जीक्यूटिव लुइस ब्रेमर ने पिछले साल संसद के सवालों के जवाब देते हुए इस ट्रेनिंग की खबर की पुष्टि की थी.
NYT ने बताया कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में ब्रेमर को पेंटागन में बड़ा पद दिया जाना था और उसके नामांकन के सिलसिले में संसद ने सवाल-जवाब किए थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन ने ब्रेमर का नामांकन वापस ले लिया था और जवाबों का दस्तावेज कभी संसद भेजा ही नहीं.
हत्या के लिए क्राउन प्रिंस दोषी
जमाल खशोगी की साल 2018 में इस्तांबुल के सऊदी दूतावास में हत्या कर दी गई थी. उनका शव आजतक नहीं मिल पाया है. वो वाशिंगटन पोस्ट में सऊदी सरकार के खिलाफ लेख लिखा करते थे.
फरवरी 2021 में अमेरिका ने खशोगी की हत्या पर इंटेलिजेंस रिपोर्ट को डिक्लासिफाई कर दिया था. जो बाइडेन प्रशासन ने सार्वजानिक रूप से सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) को खशोगी की हत्या का दोषी ठहराया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, MBS ने तुर्की के इस्तांबुल में एक ऑपरेशन की अनुमति दी, जिसके तहत पत्रकार खशोगी को पकड़ने या मारने का काम दिया गया था.
रिपोर्ट कहती है MBS के प्रभाव को देखते हुए, बहुत ज्यादा संभावना है कि अगर उन्होंने अनुमति ना दी होती, तो यह हत्या हो पाती.
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