एक मुलाकात, जिसपर पूरी दुनिया की नजरें टिंकीं थीं, वो इस हफ्ते स्विट्जरलैंड के जिनेवा में हुई. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) पद संभालने के बाद पहली बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से मिले. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक चर्चाएं तो हुई हीं, साथ ही बाइडेन ने अपने रूसी समकक्ष को एक खास तोहफा भी दिया. उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन को अमेरिका में बना खास चश्मा गिफ्ट किया.
जो बाइडेन ने व्लादिमीर पुतिन को अमेरिका कंपनी रैन्डॉल्फ यूएसए के बने concorde स्टाइल एविएटर्स गिफ्ट किए. इस स्टाइल का नाम 20वीं शताब्दी के सुपरसोनिक एयरक्राफ्ट के नाम पर रखा गया था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मैट ब्लैक पोलराइज्ड चश्मे की कीमत करीब 279 डॉलर, यानी कि करीब 20 हजार रुपये के आसपास है. ये कंपनी अमेरिकी मिलिट्री और उसके NATO पार्टनर्स को चश्मे देती है.
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन ने पुतिन को एक और तोहफा दिया. उन्होंने रूसी राष्ट्रपति को अमेरिका के नेशनल मैमल - अमेरिकी बिसन का क्रिस्टल स्कल्पचर गिफ्ट किया. इसे न्यूयॉर्क की एक कंपनी ने बनाया है.
अब देखना ये होगा कि पुतिन ये चश्मा पब्लिक में पहने नजर आएंगे या नहीं. ये सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है क्योंकि हाल फिलहाल में दोनों देशों के बीच तल्खियां बढ़ी हैं. खुद पुतिन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अमेरिका और रुस के बीच रिश्ते अब तक के सबसे खराब दौर में है. NBC को दिए इंटरव्यू में पुतिन ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध हाल के वर्षों में सबसे ज्यादा बिगड़ गए हैं.
इससे पहले, मार्च में बाइडेन ने पुतिन की आलोचना की थी और उन्हें ‘हत्यारा’ तक कह दिया था.
हालांकि, जिनेवा में दोनों नेताओं की मुलाकात सकारात्मक तौर पर देखी गई. बाइडेन के साथ बैठक के बाद पुतिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे कुल मिलाकर ‘प्रोडक्टिव’ बताया था.
जिनेवा की मुलाकात को पुतिन ने बताया ‘प्रोडक्टिव’
जिनेवा में पत्रकारों से पुतिन ने कहा, “ये एक ठोस मुलाकात थी और एक ऐसे माहौल में हुई है, जिसका मकसद ही रिजल्ट हासिल करना था.” व्लादिमिर पुतिन ने कॉन्फ्रेंस में ये भी कहा था कि दोनों देश अपने राजनयिकों को वापस बुलाने पर सहमत हो गए हैं. इससे पहले रूस-अमेरिका के राजनयिक वापस आ गए थे.
पुतिन ने ये भी कहा कि दोनों देश साइबर सुरक्षा के मुद्दों पर ‘कंसल्टेशन’ शुरू करने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हैं. हालांकि, उन्होंने अमेरिकी आरोपों का खंडन भी किया जिसमें अमेरिका ने ये आरोप लगाया था कि रूसी सरकार, अमेरिका समेत दुनियाभर में हाई प्रोफाइल हैक के लिए जिम्मेदार है.
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