अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने कहा कि अगर चीन, ताइवान (Taiwan) पर आक्रमण करता है, तो अमेरिका सैन्य हस्तक्षेप करेगा. बाइडेन ने कहा कि यूक्रन पर रूस के आक्रमण (Russia invades Ukraine) के बाद ताइवान को सुरक्षित करने का भार और बढ़ गया है. बता दें कि यूक्रेन की मदद के लिए अमेरिका ने अरबों की मदद भेजी है, लेकिन अपनी सेना को यूक्रेन नहीं भेजा.
टोक्यो में एक कॉन्फ्रेंस में जब बाइडेन से पूछा गया कि क्या वो चीन के आक्रमण पर ताइवान की रक्षा के लिए सेना को शामिल करेंगे, तो उन्होंने 'हां' में जवाब दिया. बाइडेन ने कहा, "हमने यही प्रतिबद्धता की है."
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन द्वारा ताइवान के खिलाफ बल का प्रयोग करने का कोई भी प्रयास "उचित नहीं होगा, ये पूरे क्षेत्र को विस्थापित कर देगा और यूक्रेन में हुई कार्रवाई के समान एक और कार्रवाई होगी."
हालांकि, टोक्यो में अमेरिकी राष्ट्रपति की टिप्पणी के तुरंत बाद व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि ताइवान को लेकर अमेरिका की पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं है. व्हाइट हाउस ने कहा, "जैसा कि राष्ट्रपति ने कहा, हमारी पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं हुआ है. उन्होंने हमारी वन चाइना पॉलिसी और ताइवान में स्थिरता के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दोहराया. उन्होंने ताइवान को अपनी रक्षा के लिए सैन्य साधन मुहैया कराने के लिए ताइवान रिलेशन्स एक्ट के तहत हमारी प्रतिबद्धता को भी दोहराया."
अमेरिका ने कई बार चीन को ताइवान के खिलाफ सैन्य बल का प्रयोग के खिलाफ चेतावनी दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति भी इससे पहले ताइवान की मदद करने की बात कह चुके हैं.
ताइवान को सेना देने के लिए बाध्य नहीं है अमेरिका
NPR की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1979 के ताइवान रिलेशन्स एक्ट (जिसने दोनों देशों के संबंधों को नियंत्रित किया है) के तहत, चीन द्वारा आक्रमण करने पर ताइवान की रक्षा के लिए अमेरिका सैन्य कदम उठाने के लिए बाध्य नहीं है, लेकिन इसमें ये सुनिश्चित करना अमेरिकी पॉलिसी है कि ताइवान के पास खुद की रक्षा करने और बीजिंग द्वारा किसी भी एकतरफा बदलाव को रोकने के लिए पर्याप्त संसाधन हों.
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