अफगानिस्तान( Afghanistan ) में तालिबान सरकार (Taliban Government) चलाने के लिए कैबिनेट (Cabinet) घोषणा से पहले आखिरी तैयारियों में जुटा है. इसी बीच राजधानी काबुल (Kabul) की सड़कों पर अलग ही मंजर है, जिसमे विरोध और जश्न दोनों साथ-साथ दिखाई दे रहे हैं. तालिबान के समर्थक सरकार की आधिकारिक घोषणा से पहले सड़कों पर जमकर जश्न मना रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ महिलाएं अपने अनिश्चित भविष्य को लेकर विरोध प्रदर्शनों में जुटी हैं.
तालिबान के जश्न ने 17 जिंदगियां छीन ली
अफगानिस्तान के टोलो न्यूज ने बताया कि तालिबान के पंजशीर (Panjshir) प्रांत के जीतने के दावे के बाद 3 सितंबर को तालिबान ने काबुल में हवाई फायर करते हुए जमकर जश्न मनाया. इसमें कम से कम 17 लोग मारे गए और 41 घायल हो गए.
हालांकि तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद (Zabiullah Mujahid) ने ट्विटर पर हवा में गोलीबारी की आलोचना की और इसे तुरंत रोकने को कहा.
महिलाएं सड़कों पर उतरीं, 1996 से 2001 का तालिबान शासन याद आया
काबुल में महिलाएं भी सरकार में अपनी भागीदारी की लगातार मांग कर रही हैं. इसी मांग को मनवाने के लिए महिलाओं ने राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च निकाला लेकिन तालिबान ने इस विरोध को कुचलने के लिए प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और हिंसा की.
इससे पहले महिलाओं ने 2 सितंबर को हेरात में भी अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया था.
सोशल मीडिया पर महिलाओं को रोके जाने के वीडियो सामने आए हैं. विरोध का एक वीडियो भी लाइव-स्ट्रीम किया गया. तालिबान ने एक महिला को बुरी तरह पीटा, उसके सिर से खून निकलता नजर आ रहा है.
इससे पहले तालिबान ने अपने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिलाओं के अधिकारों का आश्वासन दिया था, लेकिन साथ ही बता दिया कि ये शरिया कानून के दायरे से बाहर नहीं होगा.
सबसे बड़ा मनी एक्सचेंज मार्किट खुला
तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने ट्वीट किया कि 'काबुल में सबसे बड़ा मुद्रा विनिमय बाजार प्रिंस पैलेस खुल गया है.' इसके बाद से मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लोग अपना पैसा एक्सचेंज करने के लिए बाजार में उमड़ पड़े हैं.
ISI चीफ काबुल पहुंचे
तालिबान की नई सरकार की घोषणा से पहले तालिबान समर्थक पाकिस्तान के इंटेलिजेंस मुखिया लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद काबुल पहुंच गए. खबरों के अनुसार हमीद तालिबान के बुलावे पर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच भविष्य के रिश्तो पर चर्चा के लिए गए हैं. हमीद इस दौरे पर पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल को लीड कर रहे हैं.
हालांकि इस मुलाकात के कुछ और मायने निकाले जा रहे हैं. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इससे पाकिस्तान तालिबान की सरकार में अपनी मौजूदगी स्पष्ट करके, उसकी सरकार को कठपुतली बनाकर नियंत्रण अपने हाथ में रखना चाहता है.
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