संयुक्त राज्य अमेरिका के अटॉर्नी कार्यालय ने बुधवार, 29 नवंबर को खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की नाकाम साजिश में शामिल होने के संबंध में 52 वर्षीय भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के खिलाफ हत्या के आरोप दर्ज करने की घोषणा की.
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते अमेरिकी अधिकारियों ने आतंकवादी और सिख्स फॉर जस्टिस के संस्थापक पन्नू की हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया.
अमेरिकी अटॉर्नी डेमियन विलियम्स ने कहा:
"जैसा कि आरोप है कि आरोपी ने भारत से न्यूयॉर्क शहर में भारतीय मूल के एक अमेरिकी नागरिक की हत्या करने की साजिश रची, जिसने सार्वजनिक रूप से भारत में एक जातीय धार्मिक अल्पसंख्यक समूह, सिखों के लिए एक संप्रभु राज्य की स्थापना की वकालत की है."
अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि चेक अधिकारियों ने इस साल 30 जून को गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया.
प्रेस रिलीज में कहा गया है कि भारत और अन्य जगहों पर गुप्ता सहित अन्य व्यक्तियों के साथ काम करने वाले एक कथित भारतीय सरकारी कर्मचारी ने SFJ संस्थापक की हत्या की साजिश रचने का निर्देश दिया.
अमेरिकी ड्रग एन्फोर्समेंट एजेंसी के एक प्रशासक, ऐनी मिलग्राम ने कहा कि DEA ने उस समय साजिश को विफल कर दिया जब "एक विदेशी सरकारी कर्मचारी ने कथित तौर पर एक अमेरिकी नागरिक पन्नू की हत्या के लिए एक अंतरराष्ट्रीय नशीले पदार्थ तस्कर को भर्ती किया था."
हत्या की साजिश का आरोप
अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने कहा कि गुप्ता एक भारतीय नागरिक है जो भारत में रहता है, "अंतर्राष्ट्रीय नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी" में शामिल था, और संबंधित भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ जुड़ा हुआ था.
इसमें कहा गया है कि उक्त सरकारी अधिकारी ने खुद को "सुरक्षा प्रबंधन" और "खुफिया" में जिम्मेदारियों के साथ "वरिष्ठ फील्ड अधिकारी" बताया है और जिसने पहले भारत के केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में सेवा करने का भी जिक्र किया है.
अधिकारियों ने कहा कि मई के आसपास, कथित भारतीय सरकारी कर्मचारी ने अमेरिका में पन्नू की "हत्या की साजिश रचने के लिए" गुप्ता को भर्ती किया था.
US प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सोर्स ने "गुप्ता को एक कथित हिटमैन से मिलवाया, जो वास्तव में एक DEA अंडरकवर अधिकारी था", और बाद में सरकारी कर्मचारी पन्नुन की "हत्या के लिए (अंडरकवर ऑफिसर) को $100,000 देने के लिए गुप्ता की मध्यस्थता से हुए सौदे में सहमत हो गया".
"9 जून, 2023 को या उसके आसपास, [भारत सरकार के कर्मचारी] और गुप्ता ने हत्या के लिए अग्रिम भुगतान के रूप में (अंडरकवर ऑफिसर) को 15,000 डॉलर नकद देने के लिए एक सहयोगी की व्यवस्था की."
जून में या उसके आसपास, भारत सरकार के कर्मचारी ने निखिल गुप्ता को पन्नू के बारे में "व्यक्तिगत जानकारी" प्रदान की, जिसमें उसके "न्यूयॉर्क शहर में घर का पता, फोन नंबर और [पन्नू के] दिन-प्रतिदिन के आचरण के बारे में डिटले" शामिल थे.
विज्ञप्ति के अनुसार, सूचना उस व्यक्ति तक पहुंचा दी गई जिसे गुप्ता एक हिटमैन समझता था लेकिन वह एक अंडरकवर ऑफिसर था.
भारत सरकार के कर्मचारी ने गुप्ता को बार-बार "हत्या की प्रगति पर रेगुलर अपडेट देने का निर्देश दिया, जिसे उन्होंने पन्नू के सर्विलांस के माध्यम से हासिल किया.
"गुप्ता ने (अंडरकवर अधिकारी) को जल्द से जल्द हत्या को अंजाम देने का निर्देश दिया, लेकिन गुप्ता ने विशेष रूप से अंडरकवर अधिकारी को यह भी निर्देश दिया कि आने वाले सप्ताहों में अमेरिकी और भारतीय सरकारी अधिकारियों के बीच होने वाली संभावित उच्च-स्तरीय बातचीत के समय हत्या न की जाए."
प्रेस रिलीज में आगे कहा गया है कि खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर, जो पन्नू का सहयोगी था, की कनाडा में हत्या के अगले दिन, गुप्ता ने अंडरकवर अधिकारी को बताया कि निज्जर भी "निशाना था" और कहा कि "हमारे निशाने पर बहुत सारे लोग हैं".
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