भारत सरकार के बाद अब पाकिस्तान सरकार ने बेशकीमती कोहिनूर हीरे पर अपने दावे को वापस ले लिया है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार का भी कहना है कि कोहिनूर महाराजा रणजीत सिंह द्वारा ब्रिटेन को तोहफे में दिया गया था.
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने मंगलवार को लाहौर हाईकोर्ट को बताया कि 108 कैरेट का प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा वापस पाकिस्तान नहीं लाया जा सकता, क्योंकि साल 1849 में ‘ट्रीटी ऑफ लाहौर’ के तहत इस हीरे को ब्रिटेन को सौंप दिया गया था.
पाकिस्तान सरकार को कोहिनूर हीरा वापस लाने के निर्देश देने के लिए दायर की गई एक याचिका की सुनवाई के दौरान प्रांतीय सरकार के सरकारी वकील ने कोर्ट में कहा कि तोहफे में दिए गए कोहिनूर के लिए अब सरकार दावा नहीं कर सकती है.
महाराजा रणजीत सिंह ने 1849 ईस्वी में ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ एक करार किया था, जिसके तहत बहुमूल्य हीरा ब्रिटेन को सौंपा गया था. इसलिए ब्रिटिश सरकार से हीरा वापस करने की मांग नहीं की जा सकती है.सरकारी वकील, पंजाब प्रांत सरकार, पाकिस्तान
भारत सरकार भी कई सालों से कोहिनूर को वापस पाने की कोशिश में लगी है. हालांकि हाल ही में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने भी ब्रिटेन को कोहिनूर तोहफे में दिए जाने की बात कही थी. इसे लेकर भारत सरकार का भी यही कहना था कि तोहफे में दिए गए कोहिनूर के लिए सरकार दावा नहीं कर सकती लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को विस्तृत जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
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