फिलीपींस के मारिया रेसा(Maria Ressa) और रूस के दिमित्री मुराटोव(Dmitry Muratov) को 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of Expression) की रक्षा के लिए' उनके प्रयासों के लिए 2021 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है. कमेटी ने बताया है कि दोनों को अभिव्यक्ति की आजादी सुरक्षा करने के लिए इस वर्ष के शांति पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया गया है. दोनों को 1.1 मिलियन डॉलर की इनामी राशि दी जाएगी.
पिछले साल नोबेल शांति पुरस्कार वर्ल्ड फूड प्रोग्राम को दिया गया था. नोबेल कमेटी के अध्यक्ष बेरिट रीस-एंडरसन ने कहा कि मारिया रेसा ने अपने मूल के लिए देश अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा' के लिए साहसी लड़ाई लड़ी. वहीं, नोबेल कमेटी के मुताबिक मुराटोव कई दशकों से रूस में बोलने की आजादी की रक्षा करते आ रहे हैं. रेसा और मुराटोव दोनों पत्रकार हैं.
उस दौर में जब भारत में बोलने की आजादी पर लगातार हमले हो रहे हैं, इन दोनों पत्रकारों को इसी के लिए ये नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है.
बोलने की आजादी के लिए लड़ाई
2012 में, रेसा ने खोजी पत्रकारिता के लिए एक डिजिटल मीडिया कंपनी Rappler की सह-स्थापना की.वहीं, दिमित्री आंद्रेयेविच मुराटोव ने रूस में नोवाजा गजेटा अखबार की सह-स्थापना की, जो समिति के अनुसार, आज देश का सबसे स्वतंत्र समाचार पत्र है. समिति ने कहा कि मुराटो ने दशकों से रूस में "तेजी से चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों" के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बचाव किया है.
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