डोमिनिका हाई कोर्ट ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को जमानत दे दी है. अदालत ने उसे इलाज के लिए एंटीगुआ एंड बारबुडा की यात्रा करने की अनुमति दी है.
एंटीगुआ ब्रेकिंग न्यूज की खबर के मुताबिक, अदालत ने करीब पौने तीन लाख रुपये जमानत राशि के रूप में जमा करने के बाद चोकसी को एंटीगुआ जाने की अनुमति दी. वह भारत से भागने के बाद एंटीगुआ में 2018 से वहां के नागरिक के तौर पर रहा था. उसे तंत्रिका तंत्र संबंधी रोग के इलाज के लिए वहां जाने की अनुमति दी गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि डोमिनिका के हाई कोर्ट ने चोकसी को यह कहते हुए जमानत दी कि चोकसी देश में ''अवैध प्रवेश'' को लेकर ट्रायल का सामना करने के लिए केवल तभी डोमिनिका लौटेगा, जब एक डॉक्टर प्रमाणित करेगा कि वह ट्रायल के लिए फिट है.
चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में 13500 करोड़ रुपये के घोटाले के संबंध में वॉन्टेड है. कुछ वक्त पहले वह एंटीगुआ एंड बारबुडा से लापता हो गया था और उसे 'अवैध प्रवेश' के लिए 23 मई को पड़ोसी देश डोमिनिका में गिरफ्तार किया गया था.
हालांकि, चोकसी ने आरोप लगाया था कि डोमिनिका में अवैध प्रवेश के लिए उसकी गिरफ्तारी भारत सरकार के प्रतिनिधियों के ‘‘कहने’’ पर हुई थी. उसने दावा किया था कि उसे एंटीगुआ एंड बारबुडा से अगवा किया गया था और जबरन डोमिनिका लाया गया था.
डोमिनिका में चोकसी की गिरफ्तारी के बाद एंटीगुआ एंड बारबुडा के प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउन ने पड़ोसी देश से इस भगोड़े कारोबारी को सीधे भारत को सौंपने के लिए कहा था.
‘एंटीगुआ न्यूज रूम’ ने पत्रकारों के साथ ब्राउन की बातचीत के हवाले से बताया था, ‘‘हमने कहा है कि वे उसे एंटीगुआ प्रत्यर्पित न करें. उसे भारत लौटाने की जरूरत है जहां वह अपने खिलाफ लगे आपराधिक आरोपों का सामना कर सके.’’
ब्राउन ने संकेत दिया था कि चोकसी के पास डोमिनिका में वैसे अधिकार नहीं होंगे, जैसे कि एंटीगुआ एंड बारबुडा में हैं. खबर में कहा गया था कि प्रधानमंत्री का मानना है कि डोमिनिका के लिए चोकसी को सीधे भारत को सौंपना आसान होगा. ऐसे में अब डोमिनिका के हाई कोर्ट के फैसले को भारतीय अथॉरिटीज के लिए झटका माना जा रहा है.
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