गुप्त रूप से इंग्लिश चैनल (English Channel) पार कर फ्रांस से इंग्लैंड पहुंचने की कोशिश कर रहे कम से कम 27 प्रवासियों (Migrants) की 24 नवंबर को तब मौत हो गई, जब उनकी नाव उत्तरी फ्रांसीसी तट पर डूब गई.
इस घटना के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कसम खाई कि वो फ्रांस चैनल को "कब्रिस्तान" नहीं बनने देंगे और फ्रांस से यूके में क्रॉसिंग के लिए दोषी तस्करों को विफल करने के लिए ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन से भी बात की.
यह नाव दुर्घटना 2018 के बाद से सबसे अधिक मृत्यु का कारण बनी है. 2018 से ही प्रवासियों ने गुपचुप तरीकों से चैनल को पार करने के लिए नावों का उपयोग करना शुरू किया है.
पिछले हफ्ते की इस त्रासदी ने “यूके पहुंचने के लिए खतरनाक क्रॉसिंग करने वाले लोगों को कैसे रोका जाए”, इस पर बहस को फिर से सरगर्म कर दिया है. लेकिन सवाल है कि इतनी खतरनाक यात्रा कौन करेगा और क्यों? साथ ही एक सवाल ये भी कि प्रवासी फ्रांस छोड़कर इंग्लिश चैनल को पार करने की कोशिश क्यों करते हैं?
प्रवासी खतरा जानते हुए भी नावों में इंग्लिश चैनल क्यों पार करते हैं?
सालों से तस्करों ने अवैध प्रवासियों को लॉरियों की मदद से यूके भेजा है. ऐसा नहीं है कि इन प्रवासियों के लिए यूके में चुपके से घुसने का ये जरिया भी आसान था. याद रहे कि 2019 में ही इसे ही ऐसे ही रेफ्रिजरेटेड लॉरी में 39 वियतनामी लोग मृत पाए गए थे जो अवैध रूप से देश में घुसने की कोशिश कर रहे थे.
लेकिन अब फ्रांस में पोर्ट ऑफ कैलिस पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. इसका मतलब है कि नाव से लोगों को भेजने की अधिक कोशिश की जा रही है. इसके अलावा कोविड-19 महामारी की भी भूमिका रही है क्योंकि पहले की अपेक्षा कम लॉरी फ्रांस से यूके तक पहुंच रही हैं. इस स्थिति में ट्रैफिकर्स ने अपनी रणनीति बदल दी है और अब उन्होंने लोगों को छोटी नावों में डालकर उन्हें चैनल को पार करने की इस अपेक्षाकृत नए जुगाड़ को अपनाया है.
प्रवासी फ्रांस छोड़कर से ब्रिटेन क्यों जाते हैं?
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा कुछ स्टडीज में, पारिवारिक संबंधों को इसके लिए मुख्य कारण के रूप में पहचाना गया है कि प्रवासी फ्रांस से यूके की यात्रा करना चाहते हैं.
कैलिस "जंगल" कैंप में 402 लोगों के एक सर्वे में, इंटरनेशनल हेल्थ जर्नल के रिसर्चर ने पाया कि उनमे से केवल 12% फ्रांस में रहना चाहते थे, जबकि 82% ने इंग्लैंड जाने की प्लानिंग की थी. उनमें से जो इंग्लैंड की यात्रा करना चाहते थे, आधे से अधिक (52%) ने कहा कि इंग्लैंड में पहले से ही उनका एक परिवार का सदस्य है.
यह सुझाव दिया गया है कि ब्रिटेन का जॉब मार्किट अक्सर प्रवासियों को आकर्षित करता है. यह दावा फ्रांसीसी आंतरिक मंत्री गेराल्ड डारमैनिन भी करते रहे हैं.हालांकि इसका समर्थन करने के लिए कोई विश्वसनीय सर्वे नहीं हैं.
कई प्रवासियों के लिए यूके एक सबसे अच्छा विकल्प बन जाता है क्योंकि यहां उनके रिश्तेदार हैं या वो जानते हैं कि यहां उनका नस्ल या समुदाय अच्छी तरह स्थापित है. जबकि अन्य प्रवासी अंग्रेजी बोलने वाले देश को पसंद करते हैं और कुछ का मानना है कि यहां उनके साथ बेहतर व्यवहार किया जाएगा.
फ्रांस के अलावा किन देशों से आते हैं प्रवासी ?
ईरान
ईरान सभी मार्गों से ब्रिटेन में शरण (asylum) चाहने वाले प्रवासियों का सबसे बड़ा स्रोत रहा है. इसमें फ्रांस की छोटी नावें से इंग्लिश चैनल पार करने की कोशिश करते प्रवासी भी शामिल हैं. 2020 में ईरान के 4,199 आवेदकों में से लगभग तीन-चौथाई को शरण दी गई थी.
2016 में प्रकाशित एक सर्वे में कहा गया था कि यूके में शरण चाहने वाले अधिकांश लोगों का मानना था कि उनका जीवन खतरे में है और उन्हें लगा कि यूके अधिक स्वतंत्रता और सुरक्षा प्रदान करेगा.
इराक
हालांकि इराक युद्ध के चरम के बाद से यूके में यहां से अवैध प्रवास की संख्या में गिरावट आई है लेकिन अब भी यह संख्या कम नहीं है. रिफ्यूजी कॉउंसिल द्वारा प्रकाशित “होम ऑफिस डेटा” के अनुसार, जनवरी 2020 और मई 2021 के बीच यहां के 2,185 लोग छोटी नावों पर ब्रिटेन पहुंचे.
सूडान
उत्तरी फ्रांस के कैलिस में टेंट में फंसे लोगों में से कई युवा सूडानी लोग हैं. इनमे से कई दारफुर से हैं, जहां 2.3 मिलियन लोग 2003 में शुरू हुए युद्ध के कारण विस्थापित हुए हैं.
सीरिया
यूके में सीरियाई लोगों के स्वीकार किए जाने की सबसे अधिक संभावना होती है. 88% आवेदनकर्ता को यहां शरण दी गयी या रहने के लिए छुट मिली. 2020 की शुरुआत के बाद से, ईरान, इराक और सूडान के बाद सीरियाई लोग नाव के रास्ते यहां पहुंचने में चौथे स्थान पर हैं.
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