प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा (Modi US Visit) के दौरान जो बाइडेन के भारतीय प्रेस (Indian Press) को अमेरिकी प्रेस से अच्छा बताने वाले स्टेटमेंट का व्हाइट हाउस (White House) ने बचाव किया है.
व्हाइट हाउस के अधिकारी जेन साकी ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन का स्टेटमेंट अमेरिकी मीडिया के लिए आलोचना नहीं था.
राष्ट्रपति बाइडेन ने 24 सितंबर को व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी पहली व्यक्तिगत द्विपक्षीय बैठक के दौरान भारतीय प्रेस की तारीफ की थी और इसे अमेरिकी मीडिया की तुलना में "बेहतर व्यवहार" करने वाला कहा था.
प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने क्या कहा ?
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी को अमेरिकी पत्रकारों की बाइडेन की टिप्पणियों पर कई सवालों का सामना करना पड़ा, लेकिन वो राष्ट्रपति की टिप्पणी का बचाव करती नजर आईं. उन्होंने कहा,
"मुझे लगता है कि उन्होंने (बाइडेन) जो कहा वो ये है कि अमेरिकी पत्रकार हमेशा "बिंदु पर" नहीं होते हैं. अब, मुझे पता है कि यह ऐसा कुछ नहीं है जिसे कोई यहां सुनना चाहता है. लेकिन मुझे लगता है कि वो जो संदेश दे रहे थे, आप जानते हैं. आज, वो शायद कोविड के टीकों के बारे में बात करना चाहते हैं, कुछ सवाल इसी को लेकर थे. वो शायद जिन मुद्दों पर सवाल देखना चाहते थे वैसे सवाल अमेरिकी मीडिया की तरफ से नहीं आए."
रिपोर्टर ने मीडिया की तुलना पर उठाए सवाल
व्हाइट हाउस ब्रीफिंग में एक और रिपोर्टर ने भारतीय और अमेरिकी मीडिया के बीच तुलना पर आपत्ति जताई.
रिपोर्टर ने कहा, "रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के अनुसार, प्रेस की स्वतंत्रता के लिए भारतीय प्रेस दुनिया में 142 वें स्थान पर है. वह भारतीय प्रेस की तुलना में अमेरिकी प्रेस के बारे में ऐसा कैसे कह सकते हैं?”
इस पर साकी ने कहा, "मैं आपसे सिर्फ इतना कहूंगा कि अब राष्ट्रपति के रूप में नौ महीने तक काम करने के बाद वो वह 140 से ज्यादा बार प्रेस से सवाल ले चुके हैं .. निश्चित रूप से वो प्रेस और प्रेस की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं." रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के मुताबिक, प्रेस की आजादी के मामले में अमेरिकी मीडिया 44 वें स्थान पर है.
क्या कहा था जो बाइडेन ने?
अमेरिकी राष्ट्रपति पीएम मोदी को ओवल ऑफिस में ले गए थे जहां उनका मीडिया के सामने बैठकर बातचीत करने का तय कार्यक्रम था.
जैसे ही दोनों नेता अपनी-अपनी सीट पर बैठे, बाइडेन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि वो इन बातों को प्रेस के माध्यम से पेश करने जा रहे हैं. भारतीय प्रेस का व्यवहार अमेरिकी प्रेस से कहीं बेहतर है… और मुझे लगता है, आपकी अनुमति से, हमें प्रश्नों का उत्तर नहीं देना चाहिए क्योंकि वे मुद्दे पर कोई प्रश्न नहीं पूछेंगे.’
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