रूस (Russia) की राजधानी मॉस्को (Moscow Attack) में बड़ा आतंकी हमला हुआ है. क्रोकस सिटी हॉल में अंधाधुंध फायरिंग हुई, जिसमें 93 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, वहीं 140 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है. मरने वालों में कई बच्चे भी शामिल हैं. घटना 22 मार्च के देर रात की है. जानकारी के मुताबिक, हमले की जिम्मेदारी चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) ने ली है. घटना पर प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने भी शोक जताया है.
क्या हुआ ?
रूसी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मॉस्को के उत्तर पश्चिमी शहर क्रास्नोगोर्स्क (2024 Crocus City Hall attack) में मौजूद क्रॉकस सिटी हॉल रीटेल एंड कॉन्सर्ट कॉम्प्लेक्स में कुछ बंदूकधारी घुस गए और भीड़ पर बेलगाम फायरिंग खोल दी. भीड़ बेकाबू हो गयी और हॉल में अफरातफरी मच गयी. हॉल में रूसी रॉक ग्रुप के कार्यक्रम का आयोजन होना था, जिसमें शामिल होने के लिए छह हजार से ज्यादा लोग मौजूद थे.
बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक, एक चश्मदीद ने बताया कि रॉक ग्रुप स्टेज पर आने ही वाला था कि उससे पहले ये हमला हो गया.
हमले के दौरान इस दौरान इमारत में आग लग गई और इसकी छत का एक हिस्सा भी गिर गया. आग लगने से धुंए का गुबार उठने लगा. इमारत के सामने का हिस्सा धू-धू कर जलने लगा और ऊपर की दो मंजिल में लगा कांच धमाके से टूट गया.
रूसी मंत्रालय ने आतंकी हमला करार दिया
हमले के बाद, रूसी नेशनल गार्ड्स के स्पेशल दस्ते मौके पर पहुंचे. टीम हमलावरों को पकड़ने की कोशिश कर रही है. रूसी विदेश मंत्री ने इसे एक आतंकी हमला बताया है. वहीं यूक्रेन ने इस हमले में किसी भी तरीके से शामिल होने से इनकार किया है.
हमले की जानकारी देते हुए रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा,"हमले को लेकर और सुरक्षा एजेसियों के उठाए कदमों के बारे में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लगातार जानकारी दी जा रही है".
यह अधिकारिक बयान कार्यालय ने अपने आधिकारिक टेलीग्राम चैनल पर जारी किया.
चश्मदीदों ने क्या बताया ?
हॉल के भीतर मौजूद एक महिला ने रूसी टेलिविजन पर अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि लोगों को जैसे ही इस बात का अंदाजा हुआ कि यहां पर गोलियां चल रही हैं, वो स्टेज की तरफ भागने लगे.
"मैंने स्टॉल के पास एक व्यक्ति को खड़े देखा, वहां पर गोलियां चल रही थीं. मैं लाउडस्पीकर के पास थी और हमले के दौरान मैं जमीन पर रेंग रही थी."- रूसी महिला
बीबीसी के रिपोर्ट के अनुसार, हॉल में आग लगने पर दूसरे चश्मदीद विटाली ने कहा कि वो हॉल की बालकनी में थे और उन्होंने हमलावरों को लोगों पर गोलियां चलाते देखा. विटाली ने आगे कहा, "उन्होंने कुछ पेट्रोल बम फेंके और हर तरफ आग लग गई. हम लोग बाहर निकलने वाले दरवाजे पर पहुंचे लेकिन वो बंद था, इसलिए हम बेसमेंट में चले गए."
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, एक सिक्योरिटी गार्ड ने बताया है कि हथियारों से लैस हमलावर दर्शकों के बैठने वाली जगह पर आए और गोलियां चलाने लगे.
इस सिक्योरिटी गार्ड ने रूसी टेलीग्राम चैनल को बताया "वहां पर तीन और सिक्योरिटी गार्ड्स थे और वो लोग विज्ञापन के लिए बने पैनलों के पीछे छिप गए थे. हमलावरों ने ग्राउंड फ्लोर पर मौजूद लोगों की तरफ गोलियां चलाया"
अमेरिका ने दी थी हमले की चेतावनी
दो सप्ताह पहले अमेरिकी दूतावास ने रूस में रहने वाले अमेरिकी नागरिकों को चेतावनी दी थी कि वो भीड़ वाली जगहों में जाने से बचें.
उस वक्त दूतावास ने कहा था कि उन्हें इस तरह की रिपोर्ट मिली है कि "मॉस्को की भीड़भाड़ वाली जगहों को निशाना बनाने की आतंकियों की योजना है."
मॉस्को में हमले के बाद, 22 मार्च की शाम को अमेरिकी दूतावास ने एक और चेतावनी जारी की, जिसमें उसने अमेरिकी नागरिकों को हमले वाली जगह से दूर रहने की अपील की है.
प्रधानमंत्री ने जताया शोक
मॉस्को में हुए हमले में मारे गए लोगों को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया है.
पीएम ने लिखा, "हम मॉस्को में हुए जघन्य आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं. दुख की इस घड़ी में भारत रूसी संघ की सरकार और उनके लोगों के साथ खड़ी है."
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