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कौन हैं नफताली बेनेट, जो नेतन्याहू की जगह बन सकते हैं इजरायल के PM

नफताली बेनेट ने टेक स्टार्टअप बेचकर रखा था राजनीति में कदम

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इजरायल में चल रही सियासी उठापटक के बीच नफताली बेनेट वहां के अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो वह इजरायल के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले बेंजामिन नेतन्याहू की जगह लेंगे. बेनेट ने लंबे वक्त तक नेतन्याहू के साथ काम किया है और वह खुद को नेतन्याहू से ज्यादा दक्षिणपंथी बता चुके हैं.

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कौन हैं नफताली बेनेट ?

49 वर्षीय बेनेट राजनीतिक में आने से पहले टेक एंटरप्रेन्योर रह चुके हैं. एक पूर्व स्पेशल फोर्स कमांडो, बेनेट अमेरिका में जन्मे माता-पिता के बेटे हैं. बेनेट अभी अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ इजरायल के रानाना में रहते हैं.

इजरायल में कुछ ऑब्जर्वर और अखबार बेनेट को उनके विचारों के लिए “अति-राष्ट्रवादी” करार दे चुके हैं.

फरवरी में बेनेट ने टाइम्स ऑफ इजरायल से कहा था, ''मैं बीबी (नेतन्याहू) की तुलना में ज्यादा दक्षिणपंथी हूं, लेकिन मैं राजनीतिक रूप से खुद को बढ़ावा देने के लिए एक टूल के रूप में नफरत या ध्रुवीकरण का इस्तेमाल नहीं करता हूं.'' बेनेट को अर्थव्यवस्था पर अति-उदार माना जाता है और वह ईरान के खिलाफ आक्रामक रुख के लिए जाने जाते हैं.

बेनेट कई बार विवादित बयान दे चुके हैं. 2013 में उन्होंने कहा था कि फिलिस्तीनी “आतंकवादियों को मार दिया जाना चाहिए, रिहा नहीं किया जाना चाहिए.”

एक बार उन्होंने यह कहते हुए विवाद खड़ा कर दिया कि वेस्ट बैंक कब्जे में नहीं है क्योंकि "यहां कभी भी फिलिस्तीनी स्टेट नहीं था.'' उन्होंने यह भी कहा था कि इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष का समाधान नहीं किया जा सकता, इसे सहन किया जाना चाहिए.

टेक स्टार्टअप बेचकर रखा राजनीति में कदम

बेनेट ने साल 2005 में अपने टेक स्टार्टअप को 145 मिलियन डॉलर में बेचने के बाद राजनीति में कदम रखा, और अगले साल वह नेतन्याहू के चीफ ऑफ स्टाफ बन गए, जो उस समय विपक्ष में थे.

बेनेट ने 2006 और 2008 के बीच नेतन्याहू के लिए वरिष्ठ सहयोगी के रूप में काम किया. हालांकि, नेतन्याहू के साथ संबंधों में खटास आने के बाद उन्होंने नेतन्याहू की लिकुड पार्टी छोड़ दी.

नेतन्याहू का साथ छोड़ने के बाद, बेनेट 2010 में येशा काउंसिल के प्रमुख बने, जो 'कब्जे वाले वेस्ट बैंक' में यहूदियों के बसने की लॉबी करती है.

2012 में बेनेट ने धुर दक्षिणपंथी ज्यूइश होम पार्टी की कमान संभाली, जो उस वक्त बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही थी.

इसके बाद, बेनेट ने नेतन्याहू की सरकार में रक्षा मंत्री, शिक्षा मंत्री और अर्थव्यवस्था मंत्री के रूप में भी काम किया. 
नफताली बेनेट ने टेक स्टार्टअप बेचकर रखा था राजनीति में कदम
नेतन्याहू के साथ बेनेट
(फोटो: विकीपीडिया)

इस बीच, 2018 में बेनेट ज्यूइश होम पार्टी की यामिना पार्टी के तौर पर रीब्रैंडिग कर चुके थे. नेतन्याहू सरकार से बाहर आने के बाद बेनेट ने, 2020 में कोरोना वायरस महामारी के कहर के बीच, स्वास्थ्य संकट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपनी दक्षिणपंथी बयानबाजी को कम कर दिया.

उन्होंने नवंबर में आर्मी रेडियो से कहा था, "अगले सालों में हमें राजनीति और फिलिस्तीनी स्टेट जैसे मुद्दों को अलग रखना होगा और कोरोना वायरस महामारी पर नियंत्रण पाने, अर्थव्यवस्था को ठीक करने और आंतरिक दरारों को दूर करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा."

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इजरायल की राजनीति में अब आगे क्या, PM बनने से कितनी दूर बेनेट?

प्रधानमंत्री नेतन्याहू के विरोधी उनके 12 साल के शासन को खत्म करने के लिए एक गठबंधन सरकार के गठन की मशक्कत कर रहे हैं. इसके लिए उनके पास बुधवार मध्यरात्रि तक का वक्त है. हालांकि विपक्षी नेताओं का कहना है कि वे गठबंधन बनाने के करीब हैं.

नेतन्याहू को सत्ता से हटाने के लिए, मध्यमार्गी विचारधारा की येश अतीद पार्टी के प्रमुख येर लापिद, नफताली बेनेट और बाकी विपक्षी पार्टियों के नेता गठजोड़ को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. प्रस्तावित समझौते के तहत, बेनेट और लापिद बारी-बारी से प्रधानमंत्री बनेंगे, जिसमें पहली बारी बेनेट की होगी.

समयसीमा खत्म होने से पहले विपक्ष को राष्ट्रपति को यह सूचना देनी होगी कि उनके पास 120 सदस्यीय नेसेट में कम से कम 61 सदस्यों का समर्थन है. इसके बाद उन्हें विश्वास मत हासिल करना होगा.

अगर विपक्ष बुधवार मध्यरात्रि की समयसीमा तक राष्ट्रपति को अपनी सफलता की सूचना नहीं दे पाया तो देश में दो साल के भीतर ही पांचवीं बार चुनाव की स्थिति बन जाएगी. ऐसे में नेतन्याहू को पद पर बने रहने का एक और मौका मिल जाएगा, जो भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमे का सामना भी कर रहे हैं.

(टाइम्स ऑफ इजरायल और अल जजीरा के इनपुट्स के साथ)

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