पनामा पेपर्स मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ शुक्रवार को एक भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में आरोप तय किए जाएंगे. इसके बाद उन्हें जेल भेजा जा सकता है.पनामा पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ को दोषी करार देते हुए 28 जुलाई 2017 को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराया था.
इसके बाद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) ने इस्लामाबाद और रावलपिंडी की कोर्ट में शरीफ, उनके परिवार के सदस्यों और वित्त मंत्री इशाक डार के खिलाफ भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.
पिछली सुनवाई में कोर्ट के सामने नहीं हाजिर हुए थे शरीफ
शरीफ की पत्नी को गले का कैंसर है. जिनका इलाज लंदन में चल रहा है. इसलिए शरीफ फिलहाल लंदन में हैं. जिस वजह से वह सोमवार को कोर्ट के सामने पेश नहीं हो सके. इसके बाद अदालत ने आरोप तय करने के लिए 13 अक्टूबर की तारीख तय की थी.
भ्रष्टाचार निरोधी संगठन ने शरीफ और उनके परिवार के सदस्यों पर कोर्ट के सामने पेश होने का दबाव डाला था. यहां तक कि उनके बैंक खातों से लेनदेन पर रोक लगा दी थी और संपत्ति को जब्त कर लिया था.
क्या है पनामा पेपर मामला?
नवाज शरीफ और उनके परिवार पर प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए लंदन में प्रॉपर्टी बनाने का आरोप था और इसका खुलासा पिछले साल पनामा पेपर लीक में हुआ था. पनामा पेपर्स में बताया गया था कि नवाज की राजनीतिक उत्तराधिकारी और उनकी बेटी मरियम नवाज ने लंदन में लाखों डॉलर की प्रॉपर्टी बनाई है. साथ ही उनपर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है.
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