नेपाल में एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ है. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली संसद में विश्वास मत साबित करने में कामयाब नहीं हो पाए. जिसके बाद उन्होंने नेपाली संसद के निचले सदन में बहुमत खो दिया है. नेपाल में विश्वास मत को लेकर संसद का स्पेशल सेशन बुलाया गया था. इससे पहले नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी ने ओली सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का ऐलान किया था, जिसके बाद केपी ओली की सरकार अल्पमत में आ गई.
अब संसद में विश्वास प्रस्ताव पेश होने के बाद ओली को उम्मीद थी कि वो अन्य दलों की सहायता से बहुमत साबित कर लेंगे. लेकिन विश्वास मत के दौरान ऐसा नहीं हुआ. ओली के विपक्ष में ज्यादा वोट पड़े. जिसके बाद अब केपी ओली के हाथों से प्रधानमंत्री का पद चला गया है.
लगातार उठ रहे थे विरोधी सुर
बता दें कि नेपाल की सियासत में पिछले कई महीनों से हलचल तेज थी. जिसके बाद पीएम केपी ओली को सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी से निकाल दिया गया. ओली के खिलाफ लगातार विरोधी सुर उठ रहे थे. इसका कारण नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में दो अलग-अलग गुट बनना है. नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के बड़े नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड ने अपना अलग धड़ा बना लिया. जिसके बाद ओली को पद से हटाने की कवायद शुरू हो गई.
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