नेपाल (Nepal) के पोखरा में रविवार को एक घरेलू प्लेन के दुर्घटनाग्रस्त (Pokhara Plane rash) हो जाने से कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई. येती एयरलाइन्स की इस ATR 72 प्लेन में 68 पैसेंजर और 4 क्रू मेंबर्स सवार थें. पोखरा के लिए काठमांडू से उड़ान भरने के करीब 20 मिनट बाद यह प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. इस प्लेन में 5 भारतीय सहित 15 विदेशी यात्री सवार थे. राहत एवं बचाव कार्य जारी है और मरने वालों की संख्या और भी बढ़ सकती है.
यह पहला वाकया नहीं है जब नेपाल में किसी प्लेन दुर्घटना में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है. नेपाल में प्लेन हादसों का लंबा इतिहास रहा है. अकेले पिछले 30 सालों के अंदर नेपाल ने ऐसे 27 प्लेन हादसे देखे हैं.
मई 2022: चार भारतीयों समेत 22 लोगों को लेकर जा रहा एक तारा हवाई जहाज 29 मई, 2022 को नेपाल के पहाड़ी मुस्तांग जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जहाज पर सवार सभी लोगों के शव तीन दिन बाद बरामद किए गए. नेपाल सरकार की जांच रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि खराब मौसम इस घटना का कारण हो सकता है.
फरवरी 2019: बादलों के मौसम में काठमांडू में अपना रास्ता ढूंढ़ने की कोशिश करते समय एक एयर डायनेस्टी हेलीकॉप्टर एक पहाड़ी से टकरा गया. इस घटना में मारे गए सात यात्रियों में नेपाल के पर्यटन मंत्री रवींद्र अधिकारी भी शामिल थे. जांच की शुरूआती रिपोर्ट में दावा किया गया कि परिचालन प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया गया था, जैसे कि ईंधन टैंक की स्थिति और यात्रियों के बैठने की गलत व्यवस्था के कारण वजन का असंतुलन.
12 मार्च 2018 को 49 लोगों की मौत हो गई थी जब 67 यात्रियों और चालक दल के चार सदस्यों को ले जा रही यूएस-बांग्ला एयरलाइन काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. ढाका से लौट रहे विमान में लैंडिंग के दौरान रनवे से फिसलने के बाद आग लग गई और यह हवाईअड्डे के पास एक फुटबॉल मैदान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया और फिर विस्फोट हो गया. जांच के लिए नियुक्त एक आयोग ने निष्कर्ष निकाला कि दुर्घटना का संभावित कारण पायलट का भटकाव हो सकता है.
फरवरी 2016: नेपाल के कालीकोट जिले में 11 लोगों से भरा एक एयर कष्ठमंडप विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस घटना में चालक दल के दो सदस्यों की मौत हो गई और सभी नौ यात्री घायल हो गए.
मई 2015: अमेरिकी मरीन कॉर्प्स स्क्वाड्रन देश के चारीकोट क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सवार सभी 8 लोगों की मौत हो गई. UH-1Y Huey, छह अमेरिकी नौसैनिकों और दो नेपाली सैनिकों के साथ, दो भूकंपों के पीड़ितों को सहायता पहुंचाने के मिशन के दौरान लापता हो गया.
मई 2012: 21 लोगों के साथ एक डोर्नियर विमान उच्च ऊंचाई वाले हवाई अड्डे पर उतरने का प्रयास करते समय उत्तरी नेपाल में एक पहाड़ी की चोटी पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. विमान पोखरा एयरपोर्ट से जोमसोम एयरपोर्ट के लिए उड़ान भर रहा था. मई 2012 में मारे गए 15 लोगों में तेरह भारतीय तीर्थयात्री थे.
सितंबर 2011: माउंट एवरेस्ट के आसपास दर्शनीय स्थलों की यात्रा पर पर्यटकों को ले जा रहा बुद्ध एयर द्वारा संचालित एक बीचक्राफ्ट 1900D एक पहाड़ी से टकरा गया. विमान में सवार सभी 19 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 10 भारतीय भी शामिल थे. प्रतिकूल मौसम की स्थिति दुर्घटना का कारण थी, क्योंकि दुर्घटना के दौरान काठमांडू हवाई अड्डे और उसके आसपास के क्षेत्र में घने मानसून के बादल छाए हुए थे.
सितंबर 2006: पूर्वी नेपाल में एक चार्टर्ड उड़ान पर एक श्री एयर हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें चालक दल के सदस्यों सहित सभी 24 यात्रियों की मौत हो गई. हेलीकॉप्टर में नेचर के लिए वर्ल्ड वाइड फंड का एक अभियान था जो एक संरक्षण कार्यक्रम से लौट रहा था.
जून 2006: चालक दल के सदस्यों सहित छह यात्रियों वाला एक यति विमान जमीन पर गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
नवंबर 2001ः पश्चिमी नेपाल में एक चार्टर्ड हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस घटना में मारे गए छह लोगों में नेपाल की राजकुमारी प्रेक्षया शाह भी शामिल थीं.
जुलाई 2000: रॉयल नेपाल एयरलाइंस द्वारा संचालित एक ट्विन ओटर धनगढ़ी हवाई अड्डे के रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे में 22 यात्रियों और चालक दल के तीन सदस्यों की मौत हो गई.
जुलाई 1993: एवरेस्टएयर द्वारा संचालित एक डोर्नियर विमान नेपाल के पास चुले घोपटे पहाड़ी के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया. सभी तीन चालक दल के सदस्यों और 16 यात्रियों की मौत हो गई.
सितंबर 1992: पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस द्वारा संचालित एक एयरबस A300 काठमांडू हवाई अड्डे पर उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें सवार सभी 167 लोगों की मौत हो गई. विमान कराची के जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से आ रहा था और काठमांडू हवाईअड्डे से 11 किलोमीटर पहले आखिरी पर्वत श्रृंखला से टकरा गया.
जुलाई 1992: थाई एयरवेज द्वारा संचालित एक एयरबस 310 काठमांडू में अपने रास्ते पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें सवार सभी 99 यात्रियों और 14 चालक दल की मौत हो गई. मानसून की भारी बारिश के दौरान विमान काठमांडू से 37 किमी उत्तर में एक पहाड़ से टकरा गया. जांच के मुताबिक, विमान के फ्लैप में मामूली खराबी थी और खराब जलवायु परिस्थितियों के दौरान हवाई यातायात नियंत्रक के साथ गलत संचार के कारण पायलट काफी तनाव से गुजर रहा था.
जुलाई 1969: रॉयल नेपाल एयरलाइंस द्वारा संचालित एक विमान सिनारा हवाई अड्डे के रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 31 यात्रियों और चालक दल के चार सदस्यों की मौत हो गई.
(न्यूज इनपुट्स - इंडियन एक्सप्रेस)
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